Last Updated: Tuesday, September 4, 2012, 08:54
हैदराबाद : सत्य साईं बाबा का वसीयतनामा सामने आने के अगले दिन ब्रह्मलीन अध्यात्मिक गुरु के विशाल साम्राज्य की देखरेख कर रहे ट्रस्ट ने कहा है कि वह साईं के वसीयत के प्रावधानों का सम्मान करेगा और उनके मिशन को आगे ले जाएगा।
आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की धार्मिक नगरी पुट्टपर्थी में सत्य साईं केंद्रीय न्यास के सदस्य एवं साईं बाबा के भतीजे आरजे रत्नाकर ने कुछ तेलुगू टीवी चैनलों से कहा कि वह उस वसीयतनामे का सम्मान करते हैं जिस पर आध्यामिक गुरु के हस्ताक्षर हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष साईं बाबा के ब्रह्मलीन होने के बाद परोपकार के कार्य जारी रखने का प्रयास किया जा रहा है। रत्नाकर ने स्पष्ट किया कि एक-एक पैसा ट्रस्ट की गतिविधियों में लगाया जाएगा।
साईं ने अपना वसीयतनामा 1967 में तैयार करवाया था और उसका पंजीकरण मुम्बई में हुआ था। यह वसीयतनामा यहां रविवार को साईं बाबा के साम्राज्य के प्रभारी माने जा रहे सत्यजित सालियन ने सार्वजनिक किया था।
वसीयतनामे पर न्यासियों में से एक इंदुलाल शाह सहित दो गवाहों के भी हस्ताक्षर हैं। जैसा कि बताया गया है, यह वसीयतनामा इस वर्ष जुलाई में हुई ट्रस्ट की बैठक में पेश किया गया था। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष एक संवाददाता सम्मेलन में ट्रस्ट के सदस्यों ने स्पष्ट रूप से कहा था कि साईं बाबा कोई वसीयतनाम नहीं छोड़ गए हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 4, 2012, 08:54