साहित्यकार सुनील गंगोपाध्याय नहीं रहे

साहित्यकार सुनील गंगोपाध्याय नहीं रहे

कोलकाता : प्रख्यात साहित्यकार और साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सुनील गंगोपाध्याय का मंगलवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से दक्षिण कोलकाता स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे।

पारिवाकि सूत्रों ने बताया कि गंगोपाध्याय का शव शवगृह में तब तक रखा जाएगा जब तक बोस्टन से उनका बेटा अंतिम संस्कार के लिए यहां पहुंच नहीं जाता। एक सफल लेखक और कई पुरस्कारों से सम्मानित गंगोपाध्याय एक मौलिक कविता की पत्रिका ‘कीर्तिवास’ के संस्थापक संपादक थे। इस पत्रिका को कवियों की एक नयी पीढी़ ने अभिवन प्रयोग के लिये मंच का इस्तेमाल किया था।

200 से अधिक पुस्तक लिखने वाले गंगोपाध्याय विभिन्न शैलियों में लिखने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उन्होंने कविता को अपना ‘पहला प्यार’ कहा था। उनकी कविताओं की नीरा श्रृंखला काफी लोकप्रिय हुई थी। उन्होंने लघु कथा , उपन्यास, यात्रा वृतांत और बच्चों के लिए कथा लिखकर भी अमूल्य योगदान दिया।

उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार (1985), आनंद पुरस्कार (1989) और हिन्दू साहित्य पुरस्कार (2011) से सम्मानित किया गया था। उपाध्यक्ष के रूप में पांच साल तक काम करने के बाद उन्हें 20 फरवरी 2008 को साहित्य अकादमी का अध्यक्ष चुना गया था। वह निल लोहित सनातन पाठक और निल उपाध्याय के नाम से लिखते थे। गंगोपाध्याय के परिवार उनकी पत्नी और बेटा है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 23, 2012, 11:37

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