Last Updated: Monday, October 8, 2012, 00:02

मुम्बई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने रविवार को पुष्टि की कि उन्होंने कथित सिंचाई घोटाले के सिलसिले में विदर्भ सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) के 45 अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। शिव सेना ने उनके इस फैसले का स्वागत किया है। चव्हाण ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि ये आरोप गलत हैं कि जांच के आदेश देने में दो साल लग गए। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रक्रियाओं में समय लगता है क्योंकि औपचारिक जांच की घोषणा करने से पहले सरकार भी अपने स्तर पर जांच करवाती है और इसमें समय लगता है।
ज्ञात हो कि मार्च 2010 में कुछ ठेके के सिलसिले में सरकार ने सेवानिवृत्त नौकरशाह नंदकुमार वाडनेरे के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच दल का गठन किया था। जांच के नए आदेश के बाद अब वीआईडीसी के पूर्व कार्यकारी निदेशक सहित कई अभियंताओं के खिलाफ जांच शुरू हो जाएगी। कांग्रेस की धुर विरोधी शिव सेना ने चव्हाण की ओर से 20000 करोड़ रुपये के कथित सिंचाई घोटाले की जांच के आदेश देने के फैसले का स्वागत किया।
शिव सेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस जांच का आदेश देना आसान नहीं था क्योंकि सरकार पर सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का जबरदस्त दबाव था। ठाकरे ने यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, `चव्हाण पर राकांपा प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अतीज पवार का जबरदस्त दबाव था। दोनों इस मसले पर पिछले दो दिनों के भीतर चव्हाण से मिले हैं।` उन्होंने कहा, `बहरहाल, जांच गहराई से होनी चाहिए और जो लोग दोषी हैं उन्हें सजा दी जानी चाहिए। जांच एक समय सीमा के भीतर पूरी भी होनी चाहिए।` (एजेंसी)
First Published: Monday, October 8, 2012, 00:02