सिद्धांतों के लिए प्रेमिका तक को छोड़ दिया : करुणानिधि

सिद्धांतों के लिए प्रेमिका तक को छोड़ दिया : करुणानिधि

सिद्धांतों के लिए प्रेमिका तक को छोड़ दिया : करुणानिधिचेन्नई : परंपरागत रीति रिवाज की बजाय सम्मानजनक तरीके से शादी की वकालत करने वाले द्रमुक अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने गुजरे जमाने की अपनी यादों में झांकते हुए बताया कि वह अपनी प्रेमिका से सिर्फ इसलिए विवाह नहीं कर पाए थे क्योंकि उसके माता-पिता परंपरागत तरीके से शादी करना चाहते थे और करुणानिधि के सिद्धांत इसकी इजाजत नहीं देते थे।

यहां एक विवाह समारोह में 89 वर्षीय करुणानिधि ने कहा कि उनकी प्रेमिका के अभिभावकों ने 1944 में उनसे पारंपरिक तरीके से शादी करने को कहा लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। करुणानिधि ने कहा, ‘उन लोगों का कहना था कि वह मंत्रोच्चार और लड़की को मंगल सूत्र पहनाए बिना होने वाली शादी की इजाजत नहीं दे सकते, जबकि मैं आत्मसम्मान से की जाने वाली शादी के पक्ष में था।’

करुणानिधि ने बताया कि उन्होंने लड़की के माता-पिता की शर्तों को मानने से इंकार कर दिया और इस प्रकार उस लड़की से विवाह नहीं कर पाए, जिससे वह प्रेम करते थे। उन्होंने बताया कि बाद में उन्होंने दयालु से विवाह किया और इस जोड़े के चार बच्चे हुए। उन्होंने बताया कि द्रविड़ विचारधारा के वयोवृद्ध विद्वानों ईवी रामसामी पेरियर और सीएन अन्नादुरई ने आत्म सम्मान के साथ विवाह पद्धति का समर्थन किया है और उनके जीवन में इससे किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 29, 2013, 23:01

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