Last Updated: Thursday, January 5, 2012, 07:15
जम्मू : जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री बनना उनकी किस्मत में था, इसलिए वह बने, वरना उनका नाम तो 'प्रतीक्षा सूची' में भी नहीं था। राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में 41 वर्षीय उमर ने कहा कि मुख्यमंत्री बनना मेरी किस्मत में था, इसलिए मैं बना, अन्यथा इस पद पर नेशनल कांफ्रेंस से मेरे पिता फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद हो सकते थे।
कार्यकाल के तीन साल पूरा करने पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपमुख्यमंत्री तारा चंद ने आज प्रदेश के राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात करके उन्हें गठबंधन सरकार की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बोनियार में बिजली की कमी को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सीआईएसएफ की गोलीबारी मामले की जांच को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा।
पांच जनवरी, 2009 को जम्मू एवं कश्मीर के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले उमर ने कहा कि मैं आपको सच बताऊं, मेरा नाम प्रतीक्षा सूची में भी नहीं था। यह तो अल्लाह फजल है। अपने तीन साल के कार्यकाल के बारे में उन्होंने कहा कि कभी अच्छा तो कभी बुरा वक्त रहा। अल्लाह के फजल, मंत्रियों तथा जनता के सहयोग से हम सफल रहे।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 5, 2012, 17:46