सीडी कांड कांग्रेस की एक और नौटंकी: बीजेपी

सीडी कांड कांग्रेस की एक और नौटंकी: बीजेपी

रायपुर : छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता शिवरतन शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सत्ता से करीब एक दशक तक दूर रहने से प्रदेश कांग्रेस के नेता बुरी तरह से बौखला गए हैं। अब सीडी कांड को लेकर प्रदेश की जनता को वे नई नौटंकी दिखाने जा रहे हैं।

शर्मा ने कहा कि अगर इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले से संबंधित सीडी की विश्वसनीयता पर इतना ही भरोसा था तो फिर पिछले सात साल तक प्रदेश के कांग्रेसी नेता मौन क्यों रहे? सीडी इतनी महत्वपूर्ण है तो प्रेस कान्फ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता क्यों उपस्थित नहीं हुए?

शिवरतन ने कहा कि वर्ष 2007 में इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले का भाजपा शासन काल में ही खुलासा हुआ था। भाजपा सरकार ने ही अदालत में बैंक मैनेजर के नार्को टेस्ट की अनुमति मांगी थी। जिस महिला ने नार्को टेस्ट किया सीबीआई ने उसे बर्खास्त कर दिया था। सबसे उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले में बैंक के चैयरमेन से लेकर डायरेक्टर तक कांग्रेस से जुड़े थे।

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने ही जनहित में बैंक के पीड़ित उपभोक्ताओं की राशि वापस दिलाई थी। उन्होंने प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस के लोगों ने अब तक जितने भी आरोप लगाए वे सभी निर्मूल, भ्रामक और बेबुनियाद ही निकले हैं। प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव को करीब जानकर कांग्रेस के नेता इस तरह का शिगूफा छोड़कर जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।

वहीं, कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले में तत्कालीन प्रबंधक की नार्को टेस्ट की सीडी के सार्वजनिक होने के बाद पुलिस का रवैया और पुलिस विभाग के आईजी का दोषियों के बचाव में पत्रकारवार्ता आपत्तिजनक व अमर्यादित है। उन्होंने कहा कि बैंक प्रबंधक और घोटाले का प्रमुख सूत्रधार उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट करवाने की जरूरत पुलिस खुद ने जताई थी फिर पुलिस ने इस नार्को और ब्रेनमैपिंग टेस्ट की रिपोर्ट को न्यायालय के समक्ष क्यों नहीं पेश किया?

त्रिवेदी ने कहा कि पुलिस को नार्को और ब्रेनमैपिंग टेस्ट गैर जरूरी लगता है तो अभियुक्त का टेस्ट क्यों करवाया गया? उन्होंने कहा कि इस सीडी के खुलासे के बाद पुलिस ने जिस ढंग से नार्को टेस्ट की प्रमाणिकता पर सवाल खड़ा किया है उससे यह साबित होता है कि पुलिस सिर्फ मुख्यमंत्री और मंत्रियों को बचाने के षड्यंत्र में लगी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के प्रवक्ता मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और आईजी के बयानों में विरोधाभास भी स्पष्ट है। एक ओर आईजी ने सीडी को अपर्याप्त सबूत कहा है और उसकी प्रामणिकता पर कोई सवाल नहीं खड़ा किया है, फिर भी बृजमोहन अग्रवाल ने सीडी को फर्जी कहते हुए अपनी ही पुलिस को झुठलाने की कोशिश की है। (एजेंसी)

First Published: Monday, July 22, 2013, 10:14

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