`सीबीआई को आदर्श मामले में जांच का अधिकार नहीं`

`सीबीआई को आदर्श मामले में जांच का अधिकार नहीं`

`सीबीआई को आदर्श मामले में जांच का अधिकार नहीं`मुंबई: आदर्श हाउसिंग घोटाले में सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किये जाने के करीब डेढ़ साल बाद महाराष्ट्र सरकार ने आज बंबई उच्च न्यायालय में मामले में जांच करने के एजेंसी के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी।

राज्य सरकार के वकील अनिल सखारे ने अदालत में कहा कि सीबीआई के पास मामले की जांच का अधिकार नहीं है क्योंकि न तो राज्य सरकार ने और ना ही उच्च न्यायालय ने उसे मामले की जांच सौंपी।

न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर की खंडपीठ ने सखारे को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जिसमें यह उल्लेख हो कि राज्य सरकार ने सीबीआई को घोटाले की जांच के लिए अपनी सहमति नहीं दी।

सखारे ने कहा, ‘एक न्यायिक आयोग ने पहले ही रिपोर्ट जमा कर दी है जिसमें कहा गया है कि जिस जमीन पर आदर्श हाउसिंग सोसायटी की इमारत बनी है वह राज्य सरकार की है और रक्षा मंत्रालय की नहीं है। इसलिए सीबीआई तस्वीर में नहीं आती। दिल्ली पुलिस विशेष प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत सीबीआई बनाई गयी थी और उसके अनुसार एजेंसी तभी मामले की जांच कर सकती है जब राज्य सरकार या उच्च न्यायालय उसे तफ्तीश का काम दे।’

आदर्श सोसायटी की ओर से वरिष्ठ वकील शेखर नफाडे ने भी दलील दी कि सीबीआई के पास मामले की जांच का अधिकार नहीं है। अदालत ने सोसायटी को भी इस पर आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया।

सीबीआई ने 30 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को आश्वासन दिया था कि वह मामले में 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल करेगी। एजेंसी ने आज कहा कि वह आरोपपत्र 10 दिन में जमा करेगी।

सीबीआई के वकील एजाज खान ने अदालत को बताया, ‘जांच अंतिम स्तर पर है। आरोपपत्र 10 दिन में दाखिल कर दिया जाएगा।’ इसके बाद अदालत ने सुनवाई चार जुलाई तक टाल दी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, June 19, 2012, 01:06

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