सेक्स स्कैंडल के आरोपी को बनाया महामंडलेश्वर

सेक्स स्कैंडल के आरोपी को बनाया महामंडलेश्वर

सेक्स स्कैंडल के आरोपी को बनाया महामंडलेश्वरसंगम (इलाहाबाद): सेक्स स्कैंडल में जेल की हवा खा चुके कर्नाटक के विवादित संत-स्वामी नित्यानंद को महाकुंभ मेले में महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा महामंडलेश्वर की उपाधि से नवाजे जाने का अन्य अखाड़ों ने विरोध किया है। महानिर्वाणी अखाड़े ने विवाद से बचने के लिए मंगलवार देर शाम गुपचुप तरीके से नित्यानंद का पट्टाभिषेक कर दिया। इस विवादित शख्सियत को महामंडलेश्वर की पदवी देने से पहले तमाम अखाड़ों और संतों को आमंत्रण पत्र तक नहीं बांटा गया।

नित्यानंद को महामंडलेश्वर बनाए जाने का निरंजनी अखाड़े ने खुलकर विरोध किया है। अखाड़े के सचिव नरेंद्र गिरि ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि किसी भी विवादित संन्यासी को गुपचुप तरीके से महामंडलेश्वर बनाना धर्म के विपरीत है। हमारी मांग है कि महानिर्वाणी अखाड़ा सेक्स स्कैंडल के आरोपी नित्यानांद से महामंडेश्वर की पदवी वापस ले।

अटल अखाड़े के एक महंत ने कहा कि परम्परा के मुताबिक महामंडलेश्वरों के पट्टाभिषेक में दूसरे अखाड़ों के महंतों, पदाधिकारियों और प्रमुख संतों को बुलाया जाता है। वे चादर ओढ़ाकर अखाड़े के इस फैसले पर अपनी मुहर लगाते हैं, लेकिन नित्यानंद के पट्टाभिषेक में चंद गिने-चुने लोगों को छोड़कर किसी को नहीं बुलाया गया।

उधर, नित्यानांद को महामंडलेश्वर पद देने के मामले में महानिर्वाणी अखाड़े ने उन पर लगे आरोपों को उनका निजी मामला बताया है। अखाड़े के सचिव रवीन्द्र पुरी ने कहा कि नित्यानांद पर लगे आरोपों से अखाड़े का कोई लेना देना नहीं है। ये उनका निजी जीवन है।

उन्होंने कहा कि इस कदम से उत्तर और दक्षिण भारत के संतों के बीच सेतु बनाने का प्रयास किया गया है। आमतौर पर दक्षिण के संतों को शिकायत रहती है कि उत्तर भारत के संत उन्हें सम्मान नहीं देते हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 13, 2013, 14:23

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