Last Updated: Monday, March 25, 2013, 17:59

रायबरेली : कांग्रेस अध्यक्ष और क्षेत्रीय सांसद सोनिया गांधी की अध्यक्षता में सोमवार को यहां हुए जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक में कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रतिनिधियों के बीच तीखी बहस हो गयी और सोनिया को उसमें हस्तक्षेप करके उन्हें शांत कराना पड़ा।
बैठक में शामिल रहे सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य दिनेश सिंह ने राज्य की सपा सरकार द्वारा शुरू की गयी राम मनोहर लोहिया ग्राम योजना के तहत गांवों के चयन में पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव केन्द्रीय योजनाओं के धन को राज्य की योजनाओं में खर्च करके अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
सिंह के यह कहते ही बैठक में शामिल प्रदेश सरकार के मंत्री मनोज पाण्डेय ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि बैठक में विकास के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है और इसमें दोषारोपण का खेल ना खेला जाए।
बैठक में शामिल सपा के दो और विधायकों ने भी पाण्डेय की बात का समर्थन करते हुए चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री के खिलाफ कहे गये शब्द वापस नहीं लिये गये तो वह बैठक का बहिष्कार कर देंगे। इस पर सपा तथा कांग्रेस सदस्यों के बीच बहस-मुबाहिसा होने लगा।
पाण्डेय ने बताया, ‘मैंने लोहिया ग्रामों के चयन में पक्षपात होने के आरोपों का विरोध किया था। जो भी गांव चयनित हुए हैं वे पिछड़े हैं और सोनिया जी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में ही आते हैं। मेरा कहना था कि मुख्यमंत्री का नाम बेवजह विवाद में ना घसीटा जाए।’
उन्होंने कहा कि सोनिया ने उनकी राय का समर्थन किया और अपनी पार्टी के विधान परिषद सदस्य दिनेश सिंह से कहा कि वह बहस नहीं करें। कांग्रेस अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद स्थिति सामान्य हो गयी।
इस बारे में बात करने के लिये सिंह से सम्पर्क की कोशिश की गयी लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 25, 2013, 17:59