Last Updated: Monday, February 27, 2012, 12:10
कोलकाता : मंगलवार को चौबीस घंटे की हड़ताल के दौरान पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था सामान्य रखने का अपनी सरकार का निश्चय व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने काम से गैर हाजिर रहने की स्थिति में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सेवा में ब्रेक समेत अन्य कदम उठाने की सोमवार को चेतावनी दी।
कल की हड़ताल के दौरान कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए कदम उठाए जाने का आश्वासन देते हुए ममता ने कहा कि राज्य सरकार के इन कदमों से कलकत्ता उच्च न्यायालय को भी अवगत करा दिया गया है।
उन्होंने कहा, मैं लोगों से हड़ताल पर ध्यान नहीं देने तथा सामान्य दिनों की तरह कार्यालय आने की अपील करती हूं क्योंकि ट्रेनें, ट्राम तथा बसें चलाने के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने हड़ताल समर्थकों से सड़कों को जाम नहीं करने को कहा।
उन्होंने कहा, तृणमूल कांग्रेस हड़ताल के विरोध में सड़कों पर नहीं उतरेगी। मेरी सरकार दुकानों और कार्यालयों को जबर्दस्ती बंद नहीं करने देगी। मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों से सामान्य दिनों की तरह कल काम पर आने का आह्वान किया और कहा कि गैरहाजिरी की स्थिति में नियमानुसार ‘सेवा में ब्रेक’ एवं अन्य कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ट्रांसपोर्ट परिचालकों से यात्रियों की सुविधा के लिए वाहन चलाने को कहा।
सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वाली बंद की राजनीति को खत्म करने का आह्वान करते हुए ममता ने कहा कि पहले जब हम विपक्ष में थे तब हमने भी बंद का आह्वान किया लेकिन बाद में हमें उसकी व्यर्थता का एहसास हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य में बंद की राजनीति नहीं चलने देगी, यहां पहले राज्य प्रायोजित काफी बंद आयोजित हो चुके हैं।
बंद की राजनीति चुनने को लेकर माकपा एवं वामदलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, उन्होंने पिछले 35 साल के दौरान बंद को जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने बंद के आयोजकों (11 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों) से पूछा कि क्यों उन्होंने औद्योगिक हड़ताल को आम हड़ताल में बदल दिया। उन्होंने कहा, यह सिद्ध हो चुका है कि अतीत में हड़ताल और बंद से सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा।
हम ही जानते हैं कि खाली खजाने से सरकार चलाना कितना कठिन है। ममता ने कहा, जब से हमने राज्य में सत्ता संभाली है तब केंद्र से एक भी पैसे की मदद नहीं मिली। हमारे अलावा कोई ऐसी स्थिति में सरकार चलाने का साहस नहीं जुटा पाता जब वेतन, पेंशन, विधवा पेंशन का भुगतान रोक दिया गया हो और कल्याणकारी कदम पीछे छूट गए हों। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 27, 2012, 17:40