Last Updated: Thursday, August 15, 2013, 17:41

श्रीनगर : किश्तवाड़ की सांप्रदायिक हिंसा पर आलोचना से दुखी जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कश्मीरी जनता के साथ अलग तरह से पेश आने की वजह बताए जाने की मांग की।
कड़ी सुरक्षा के बीच यहां बख्शी स्टेडियम में ध्वजारोहण के बाद उमर ने सांप्रदायिक तनाव को गंभीर रूप न लेने देने के लिए कश्मीरी जनता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मैं राज्य की जनता को उन शक्तियों को हराने के लिए सलाम करता हूं जो राज्य में तनाव बढ़ाना और शांति व सद्भावना को नष्ट करना चाहते थे।
उमर ने कहा कि मुझसे अक्सर पूछा जाता है कि आप (कश्मीरी) क्यों खुद को देश की मुख्यधारा से अलग महसूस करते हैं। मैंने इस सवाल के ऊपर सोचा, लेकिन एक जवाब ढूंढना मुश्किल था। जब मैंने पाया कि कैसे किश्तवाड़ की घटना का इस्तेमाल किया गया, मुझे जवाब मिल गया।
उन्होंने कहा कि हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है कि जैसे हम मुख्यधारा का हिस्सा न हों। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि किश्तवाड़ में हिंदू-मुसलमानों के बीच हुए दंगे की कड़ी निंदा किए जाने की जरूरत है। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि यह घटना उनके कार्यकाल में होना दुख की बात है।
उन्होंने कहा कि लेकिन मेरे कार्यकाल में रहते पिछले चार साल में यह पहली सांप्रदायिक घटना है। क्या यह भारत में हुई पहली घटना है? मैं यह नहीं कहना चाहता है कि अन्य राज्यों में ऐसी घटना होने पर किश्तवाड़ की घटना को न्यायोचित ठहराया जा सकता है। अब्दुल्ला ने 2012 और इस साल मार्च महीने तक विभिन्न राज्यों और हाल ही में बिहार में हुई सांप्रदायिक हिंसा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भगवान के लिए, मुझे बताएं क्या किसी ने संसद में इस मुद्दे को उठाया? क्या कोई भी बड़ा नेता वहां लोगों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए पहुंचा? कितने समाचार पत्रों में इस घटना पर खबरें बनीं?
उन्होंने कहा कि आप देश के बाकी हिस्से के साथ कश्मीर को पूरी तरह से एकीकृत करने के लिए भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 निकाल देना चाहते हैं लेकिन आप हमारे साथ अलग व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि आप जितना भी करेंगे, संविधान की धाराएं बदल देने से एकता नहीं आएगी। यह तभी होगा जब आप अपना रवैया बदलेंगे। उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों की तरफ से किए जा रहे युद्ध विराम उल्लंघन के बारे में कहा कि जब तक यह जारी रहेगा दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत प्रभावित रहेगी।
इस बीच, अलगाववादी नेताओं ने कश्मीर मुद्दे पर वैश्विक ध्यान आकृष्ट करने के लिए घाटी में गुरुवार को बंद का आह्वान किया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 15, 2013, 17:41