हरदा में 100 से ज्यादा जल सत्याग्रही गिरफ्तार

हरदा में 100 से ज्यादा जल सत्याग्रही गिरफ्तार

हरदा में 100 से ज्यादा जल सत्याग्रही गिरफ्तारभोपाल: मध्य प्रदेश के हरदा में चल रहे जल सत्याग्रह के खिलाफ सरकार का रुख सख्त हो गया है और 100 से ज्यादा सत्याग्रहियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व आंदोलनकारियों के समर्थकों ने हरदा कलेक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया। नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर बांध का जलस्तर 260 मीटर से 262 मीटर किए जाने से कई गांव के कई क्षेत्र डूबने के कगार पर पहुंच गए गए हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रभावित परिवार पुनर्वास व जमीन के बदले जमीन की मांग को लेकर खरदना गांव के करीब नर्मदा नदी में पिछले 14 दिन से जल सत्याग्रह कर रहे हैं। सरकार ने दो दिन पहले साफ कर दिया था कि हरदा मसले पर कोई बात नहीं करना चाहतीं, वहीं जिला प्रशासन सर्वेक्षण आदि का हवाला देता आ रहा था।

जिला प्रशासन ने मंगलवार को खरदना में निषेधाज्ञा लागू कर जल सत्याग्रहियों से मौके से हटने की अपील की थी, मगर वे नहीं हटे। इसके बाद बुधवार की सुबह मौके पर पहुंचे पुलिस ने सत्याग्रहियों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें हरदा चिकित्सकीय परीक्षण के लिए लाया गया।

वहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन के आलोक अग्रवाल का आरोप है कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना कर रही है, लिहाजा उनकी ओर से सर्वोच्च न्यायालय में मानहानि का प्रकरण दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार की समिति के सामने अपना पक्ष रखेंगे।

राज्य सरकार के गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने खंडवा में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि जल सत्याग्रह करने वालों की जीवन रक्षा के लिए हरदा के प्रशासन ने कार्रवाई की है। सरकार प्रभावितों से हर संभव चर्चा को तैयार है और इसके लिए तीन मंत्रियों को मिलाकर समिति भी बनाई है।

जल सत्याग्रहियों की गिरफ्तारी के बाद दोपहर को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह खरदना गांव पहुंचे, तथा उनसे चर्चा की और आंदोलनकारियों के समर्थन में पानी में ही बैठ गए। इतना ही नहीं भूरिया ने तो जिला प्रशासन की कार्रवाई को हिटलरशाही करार दिया है।

कांग्रेस के नेताओं ने बाद में कलेक्टेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। जब कलेक्ट्रेट के द्वार पर ताला लगाया गया तो सब गुस्से में आ गए और उन्होंने ताला ही तोड़ दिया। वहीं जिला प्रशासन गिरफ्तार किए गए आंदोलनकारियों की रिहाई की तैयारी कर रहा है।

राज्य में खंडवा में ओंकारेश्वर व हरदा में इंदिरा सागर का इस वर्ष जल स्तर बढ़ाया गया है। इससे कई गांव डूबने की कगार पर हैं। इसी के विरोध व अपनी मांगों को लेकर दोनों स्थानों पर जल सत्याग्रह चल रहा था। ओंकारेश्वर के जल सत्याग्रह को सरकार ने मांगे मानकर खत्म करा दिया मगर इंदिरा सागर पर कोई चर्चा नहीं की। इतना ही नहीं आंदोलनकारियों पर सरकार पर ब्लैकमेल करने के आरोप तक लगे। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, September 12, 2012, 19:55

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