Last Updated: Saturday, September 21, 2013, 17:41
चंडीगढ़ : हरियाणा के दो विधायकों ने शनिवार को पंचकुला में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में समर्पण कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने इसी सप्ताह दोनों की अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर कर दी थी। इससे पूर्व पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी गुरुवार को विधायकों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें एक सप्ताह के अंदर निचली अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था।
साल 2011 में करनाल जिले में करम सिंह आत्महत्या मामले में मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी ओ. पी जैन और जिले राम शर्मा ने पंचकुला में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी।
जून 2011 में सरकार द्वारा इस्तीफा मांगे जाने से पहले जैन हरियाणा के परिवहन एवं पर्यटन मंत्री थे, जबकि शर्मा मुख्य संसदीय सचिव थे।
जून 2011 में करनाल में करम सिंह की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत के बाद दोनों विधायकों पर मामला दर्ज किया गया था। करम सिंह का शव राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के पास क्षत-विक्षत अवस्था में पाया गया था। गांव के मुखिया करम सिंह ने अपनी मौत के ठीक एक दिन पहले जैन और शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी करने की शिकायत मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और पुलिस के पास दर्ज कराई थी।
करम सिंह का आरोप था कि जैन और शर्मा ने उनके बेटे और दो भतीजों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे लगभग 13 लाख लिए और न नौकरी दिलाई, और न पैसे ही वापस किए। करम सिंह की मौत के गवाह चमैल सिंह का शव भी एक सप्ताह बाद संदिग्ध अवस्था में बरामद किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 21, 2013, 17:41