Last Updated: Wednesday, July 31, 2013, 23:30
शिमला : हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने आज फैसला किया कि वह अभिभावक शिक्षक संगठनों (पेरेंट टीचर एसोसिएशंस) की ओर से ग्रांट-इन-एड योजना के तहत अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए 6,300 शिक्षकों की सेवाएं नियमित करेगी। भर्ती एवं पदोन्नति के नियमों में ढील के बाद इन शिक्षकों की सेवाएं नियमित कर दी जाएंगी।
प्राथमिक एवं उच्चतर शिक्षा विभागों में काम कर रहे करीब 2,100 पैरा-शिक्षकों की लगातार सेवा के 10 साल पूरे हो जाने पर उन्हें भी नियमित कर दिया जाएगा। प्राथमिक शिक्षा विभाग में काम कर रहे 3,500 से ज्यादा प्राथमिक सहायक शिक्षकों का मानदेय बढ़ाकर 8,900 रूपए मासिक कर देने का भी फैसला कैबिनेट की बैठक में हुआ।
पीटीए की ओर से नियुक्त उन शिक्षकों के लिए ग्रांट-इन-एड जारी करने का भी फैसला किया गया जिन्होंने 31 दिसंबर 2010 के बाद बी.एड की डिग्री हासिल की है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में फैसला किया गया कि अगले महीने हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आ रही 14वें वित्त आयोग की टीम को राज्य सरकार की ओर से एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
राज्य में खदान एवं खनिजों के विनियमन के लिए ‘हिमाचल प्रदेश खनिज नीति-2013’ को भी मंजूरी दी गयी। राज्य स्तरीय खरीद समिति की सिफारिशों के मुताबिक खुले बाजार से चीनी की खरीद को मंजूरी दी गयी और फैसला किया गया कि केंद्रीय दिशानिर्देशों के मुताबिक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (आजीविका) को लागू कराया जाए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 31, 2013, 23:30