Last Updated: Sunday, April 28, 2013, 22:01
पटना : पटना जिला पुलिस ने बाढ़ अनुमंडल क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर 14 चिट फंड कम्पनियों से आठ लाख नकद जब्त करने के साथ 11 लोगों को गिरफ्तार किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया कि बाढ़ स्थित एराइज भूमि डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड, एल केमिस्ट इन्फ्रा रीयलिटी प्राइवेट लिमिटेड, धनोल्टी डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड, कॉमन विन वेवरेज कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड, एंजील पप्रीटेट प्राइवेट लिमिटेड, स्वसता स्टील इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड, अमृत गंगा एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, आईकोर विजन टेकनॉलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, पीयर्स एलाईड कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड एवं वेलफेयर डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड, बख्तियारपुर स्थित चकरा डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड, मोकामा स्थित एक्टिव एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, प्रयाग ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड एवं विविजोर प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने इन चिट फंड कम्पनियों के कार्यालय से आठ लाख रूपये, पासबुक, बांड पेपर, परिपक्वता प्रमाण पत्र, जमा करने वाली रसीद, लेजर बुक, कैश बुक आदि जब्त किए हैं। छापेमारी के दौरान इन कम्पनियों के गिरफ्तार कर्मचारियों ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि ये कंपनियां छोटे-छोटे स्थानों पर अपने कार्यालय खोलकर स्थानीय स्टाफ को मोटे कमीशन का लालच देती हैं और गरीब निवेशकों को प्रलोभन देकर उनका एक नेटवर्क बनाती हैं।
शुरूआत में कुछ निवेशकों के बीच परिपक्वता की राशि वितरित कर ये निवेशकों के बीच अपनी पैठ बनाते हैं लेकिन बाद में वे निवेशकों की राशि का गबन कर चम्पत हो जाते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि इन कम्पनियों में प्रत्येक दिन पचास हजार से एक लाख रूपये जमा होते हैं जिसे कोलकाता स्थित कम्पनी के सीएमडी या मालिक के पास भेज दिया जाता है। इन कम्पनियों में से सील की गई सात कम्पनियों के गबन की राशि गणना प्राप्त दस्तावेजों के हिसाब से करोड़ों रुपये है।
मनु महाराज ने बताया कि ऐसे प्रभावित निवेशकों की संख्या 25 से 30 हजार है और इन कम्पनियों के मालिक या सीएमडी कोलकाता से अपनी कम्पनी संचालित करते हैं जिनके खिलाफ बाढ़ के प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। उल्लेखनीय है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गत 25 अप्रैल को कहा था पश्चिम बंगाल में शारदा कंपनी के घोटाले से सबक लेते हुए राज्य सरकार सूबे में अवैध रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों पर कड़ा शिकंजा कसने जा रही है और इस प्रकार की गतिविधियां संचालित करने वाली कंपनियों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने इन कंपनियों की ठगी और धोखाधड़ी से बचाने के लिए एहतियाती उपाय के तहत निवेश कराने वाली कंपनियों का पूरा लेखा जोखा तैयार करने और उनकी कार्य प्रणाली पर करीब से निगाह रखने और और गड़बड़ी पाये जाने पर कार्रवाई करने का निर्देश वित्त विभाग के प्रधान सचिव को दिया था। मोदी ने कहा कि गत दिनों मुंबई दौरे के समय उन्होंने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष यूके सिन्हा से मुलाकात कर बिहार में गैर कानूनी रूप से कार्यरत नन बैंकिंग कंपनियों पर शिकंजा कसने का अनुरोध किया था।
बिहार सरकार ने 2011 में रोज वेली कंपनी पर लोगों से धन संग्रह करने पर रोक लगा दी थी। विदित हो कि मुस्कान ग्रुप नामक कंपनी ने भी बिहार के निवेशकों को लाखों रूपये का चूना लगाया था। उपमुख्यमंत्री ने कोसी सेंट्रल कोपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी, स्वावलंबी सहकारी समिति, प्रयाग ग्रुप आफ इंडस्ट्री की बिहार में चल रही गतिविधियों के बारे में विभिन्न प्रशासनिक स्रोतों से जानकारी एकत्र करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 28, 2013, 22:01