Last Updated: Wednesday, March 6, 2013, 18:44

अगरतला : त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम मोर्चा बुधवार को लगातार पांचवीं बार सरकार बनाने जा रही है। 64 वर्षीय मार्क्सवादी नेता माणिक सरकार फिर मुख्यमंत्री के रूप में सरकार के मुखिया बनाए गए हैं। राज्यपाल डी.वाई पाटिल ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में माणिक सरकार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री के साथ मंत्रिमंडल के 11 सदस्यों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है। राज्य में एक बार से ज्यादा मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड सरकार के दो पूर्ववर्तियों कांग्रेस के सचिंद्र लाल सिंह (1963-1972) और माकपा के नृपेन चक्रवर्ती (1978-1988) के नाम दर्ज है, लेकिन वे दोनों भी दो-दो कार्यकाल तक ही मुख्यमंत्री रहे।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य माणिक ने पश्चिम त्रिपुरा की धानपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी शाह आलम को 6017 मतों से पराजित किया। बुधवार को माणिक के साथ शपथ लेने वालों में बादल चौधरी, अघोरे देब्बारमा, तपन चक्रवर्ती, माणिक डे, जितेंद्र चौधरी, खगेंद्र जमतिया, शाहिद चौधरी, बिजिता नाथ और महिंद्र रेआंग शामिल हैं। ये सभी पिछली वाम मोर्चा सरकार में भी मंत्री थे।
इनके अलावा माणिक मंत्रिमंडल में दो नए चेहरों को भी जगह दी गई है। बहानुलाल साहा और रतन भौमिक मंत्रिमंडल में शामिल नए चेहरे हैं। साहा पिछली विधानसभा में उपाध्यक्ष थे। 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 11 माकपा के और एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सदस्य हैं। मंत्रिमंडल में बिजिता नाथ एक मात्र महिला सदस्या हैं और रेआंग भाकपा कोटे के मंत्री हैं। शपथ ग्रहण के दौरान माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी, पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता सूर्य कांत मिश्र, माकपा के असम प्रदेश सचिव उद्धब बर्मन, पार्टी के वरिष्ठ नेता और बड़े अधिकारी मौजूद थे।
विपक्षी कांग्रेस, इंडीजीनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा (आईएनपीटी), नेशनल कान्फ्रेंस ऑफ त्रिपुरा (एनसीटी) गठबंधन ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव बाद की हिंसा का आरोप लगाते हुए शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया। शपथ ग्रहण के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए माणिक सरकार ने कहा, "हम लोगों का जीवन स्तर, खास तौर से गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वालों की बेहतरी का प्रयास जारी रखेंगे और त्रिपुरा को देश का आदर्श राज्य बनाएंगे। सिर्फ एक कार्यकाल 1988-1993 को छोड़ कर राज्य में 1978 से ही वाम मोर्चा सत्ता में है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 6, 2013, 18:44