Last Updated: Tuesday, July 10, 2012, 14:40

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1994 के गोपालगंज जिलाधिकारी जी कृष्णया की हत्या मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा मंगलवार को बरकरार रखी।
न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिहार में गैंगस्टर से नेता बने सिंह की याचिका खारिज कर दी। सिंह ने इस मामले में अपनी दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाई थी।
तत्कालीन बिहार पीपुल्स पार्टी (बीपीपी) के नेता रहे सिंह पर आरोप था कि उन्होंने पांच दिसंबर 1994 को अपने साथ मौजूद भीड़ को कृष्णया को पीट पीटकर हत्या करने के लिए उकसाया था। पीड़ित अधिकारी को कार से बाहर निकालकर उन्हें निर्दयता से पीटा गया और फिर गोली मार दी गई थी।
शिवहर से सांसद रहे सिंह को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरएस राय ने तीन अक्तूबर 2007 को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 109 (अपराध के लिए उकसाना) के तहत मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि पटना उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2008 के अपने फैसले में सिंह की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। सिंह उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत गये थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 10, 2012, 14:40