Last Updated: Thursday, August 15, 2013, 13:16
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने एमसीडी के फर्जी कर्मचारी घोटाले की जांच पूरी करने के लिए पुलिस को तीन महीने की मोहलत दे दी है।
तत्कालीन दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में बड़ी संख्या में मौजूद फर्जी कर्मचारियों के मामले की जांच पूरी करने की मोहलत बढ़ाने के लिए पुलिस की ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बीडी अहमद और न्यायाधीश विभु बाखरू की पीठ ने तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया है।
पुलिस की स्थायी वकील जुबेदा बेगम ने कहा कि इस मामले में सात प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जिसमें से दो मामलों में आरोपपत्र दायर किया जा चुका है, अन्य दो मामलों के आरोपपत्र तैयार हैं और चार सप्ताह में यह अदालत के समक्ष दायर कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तीन अन्य मामलों की जांच अंतिम चरण में है, जिन्हें पूरा करने के लिए थोड़ा समय चाहिए।
पिछले वर्ष अगस्त महीने में जागरूक वेल्फेयर सोसाइटी नामक एनजीओ द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने पुलिस को इस मामले की जांच करने और दोषियों को पकड़ने का आदेश दिया था। इस एनजीओ का आरोप था कि दिल्ली नगर निगम में ऐसे हजारों फर्जी कर्मचारी हैं, जो कभी काम पर तो नहीं आए, लेकिन सरकारी कोष से नियमित तौर पर अपना वेतन ले रहे हैं।
पिछले साल मार्च में पुलिस ने अदालत को बताया कि उसकी जांच के फलस्वरूप इस नगर निकाय के कुछ उच्च पदस्थ लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। उस समय अदालत ने एमसीडी से कहा था कि वह कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाले अधिकारियों की सूची दें। यानी ऐसे कर्मचारियों की भर्ती करनेवाले और उनका वेतन जारी करने वाले अधिकारियों ने नाम दें। अदालत ने नगर निकाय को इन नामों की सूची देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 15, 2013, 13:16