Last Updated: Thursday, January 5, 2012, 14:52
नई दिल्ली : सीबीआई ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनएचआरएम) के तहत आवंटित 10,000 करोड़ रुपये की राशि के इस्तेमाल में कथित अनियमितताओं को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व नौकरशाह पीके जैन को गिरफ्तार किया है। बहुचर्चित राष्ट्रीय स्वास्थ्य ग्रामीण मिशन (एनएचआरएम) घोटाले के आरोपी उत्तर प्रदेश के पूर्व नौकरशाह पवन कुमार जैन को सीबीआई ने गुरुवार को अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 13 जनवरी तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया।
विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) डा. एके सिंह की अदालत ने पवन कुमार जैन को 13 जनवरी तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। सीबाआई ने पवन जैन की अघोषित सम्पत्ति मामले में आगे पूछताछ के लिए अदालत से रिमांड की मांग की थी। उत्तर प्रदेश जल निगम की एक निर्माण एवं डिजाइन सेवा इकाई (सीएंडडीएस) में पूर्व महाप्रबंधक पी के जैन को आज सुबह सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया था और दोपहर के वक्त उनकी गिरफ्तारी की गई।
गिरफ्तारी के कुछ देर बाद जैन को गाजियाबाद में स्थापित एक अदालत ले जाया गया। सीबीआई ने जैन के खिलाफ दो जनवरी को मामला दर्ज किया था। उन पर 134 जिला अस्पतालों के मरम्मत कार्यों में 5.46 करोड़ रुपये की चपत लगाने का आरोप है।
सीबीआई का आरोप है कि जल निगम की निर्माण एवं डिजाइन सेव विभाग को 13.4 करोड़ रुपये दिए गए थे। आरोप है कि यह कार्य फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गाजियाबाद की एक कंपनी को दे दिया गया। सीबीआई का कहना है कि अस्पतालों में जिन सामाग्रियों का इस्तेमाल हुआ, वे घटिया किस्म की थीं। इससे करीब 5.45 करोड़ रुपये की चपत लगी। सीबीआई के अनुसार जैन के आवास पर तलाशी के दौरान तीन किलोग्राम सोना और 1.10 करोड़ रुपये नकद के साथ कुछ अहम दस्तावेज मिले थे।
सीबीआई ने जिन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, उनमें जैन के अलावा परिवार कल्याण विभाग के पूर्व निदेशक एसपी राम सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। कथित अनियमितताओं की जांच में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के आवास सहित राज्य में करीब 60 जगहों पर एजेंसी की तलाशी के एक दिन बाद पूछताछ और गिरफ्तारी संबंधी घटनाक्रम सामने आया है। उत्तर प्रदेश के 72 जिलों में केंद्र प्रायोजित योजना को लागू करने में 28 करोड़ रुपये के नुकसान के आरोप में एजेंसी ने जनवरी में पांच मामले दर्ज किए थे। इनमें कुशवाहा सहित संबंधित सरकार और निजी क्षेत्र के अधिकारियों के खिलाफ दो मामले शामिल हैं। करोड़ों के घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण बसपा के ओबीसी नेता को मायावती ने नवंबर में पार्टी से बर्खास्त और निष्कासित कर दिया था।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 5, 2012, 22:49