Last Updated: Sunday, October 14, 2012, 00:29
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत प्रदेश के सभी जनपदों में चिकित्सकों की संविदा नियुक्तियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन ने देर रात बताया कि राजस्व राज्य मंत्री विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह एवं सीएमओ एस.पी.सिंह के बीच एनआरएचएम में संविदा कर्मियों की भर्ती को लेकर हुए विवाद की पृष्टभूमि में गोण्डा जिले में एनआरएचएम की भर्तियों पर रोक लगा दी गयी थी। अब पूरे प्रदेश में होने वाली इन भर्तियों पर रोक लगा दी गयी है। उन्होंने बताया कि राजस्व मंत्री एवं सीएमओ के विवाद के मामले की जांच के आदेश मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा दिए जा चुके हैं और एक सप्ताह में इसकी रिपोर्ट आ जाने के बाद दोषियों के विरूद्व सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी ताकि भविष्य में ऐसे विवादो की पुनरावृत्ति न हो सके।
उन्होंने बताया कि मायावती शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग की न केवल गरिमा घटी बल्कि पूरे देश में एनआरएचएम घोटाले के चलते भारी फजीहत भी हुई। उनका पूरा प्रयास होगा कि स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार को समूल नष्ट किया जाए। गोण्डा जिले में एनआरएचएम की संविदा भर्तियों में गडबडियों और मनमानी के चलते ही राज्य मंत्री और सीएमओ के बीच विवाद हुआ, जिसमें बताया जाता है कि भर्तियों में व्यापक रूप से गड़बड़ियां हुई थी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 14, 2012, 00:29