Last Updated: Thursday, January 3, 2013, 18:21

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के लिए केंद्र से बार बार विशेष पैकेज मांगने वाली राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के शताब्दी अधिवेशन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में अपनी मांग दोहराई।
अधिवेशन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री एस जयपाल रेड्डी और अनेक नोबेल पुरस्कार विजेता तथा वैज्ञानिक भी शामिल हुए।
ममता ने कहा कि कृपया बंगाल की ओर ध्यान दीजिए। अगर बंगाल का विकास होगा तो भारत का विकास होगा। उन्होंने कहा कि बंगाल ने रवींद्रनाथ टैगोर, सी वी रमन, अमर्त्य सेन और मदर टेरेसा जैसे अनेक नोबेल पुरस्कार विजेता दिये हैं। बंगाल दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का गेटवे भी है और भारत की सांस्कृतिक राजधानी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे, जगदीश चंद्र बोस, मेघनाद साहा और एस एन बोस जैसे लोग बंगाल की इस जमीन से जुड़े थे। ममता ने कहा कि खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे बुनियादी मामलों की समस्याओं को सुलझाने के लिए विज्ञान एक उपयोगी साधन है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले और वंचित लोगों की समस्याओं को सुलझा सकता है। अगर आप वैज्ञानिक उनकी समस्याओं को नहीं सुलझा सकते तो कौन यह काम करेगा? उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय के लिए और अधिक धन की भी मांग की ताकि वे परिवार की ओर से तनावग्रस्त नहीं रहें।
ममता ने कहा कि अनुसंधान कर रहे लोगों को यह चिंता नहीं होनी चाहिए कि परिवार को कैसे चलाया जाए। उन पर कोई तनाव नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने टैगोर विज्ञान, संस्कृति और दर्शन केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 3, 2013, 18:21