अपनी कहानी पर बनी फिल्म में दिखेंगी महाश्वेता

अपनी कहानी पर बनी फिल्म में दिखेंगी महाश्वेता

अपनी कहानी पर बनी फिल्म में दिखेंगी महाश्वेताकोलकाता : मैग्सेसे पुरस्कार विजेता महाश्वेता देवी की कई कहानियों को अब तक यादगार फिल्मों की शक्ल दी जा चुकी है लेकिन इस बार वह पर्दे पर आ रही अपनी कहानी में खुद एक किरदार अदा करेंगी।

फिल्म ‘उल्लास’ में तीन कहानियां होंगी, जिनमें ‘दौड़’ शीर्षक वाले हिस्से में आदिवासियों के अधिकारों के लिए कार्य करने वाली लेखिका ने काम किया है। 86 वर्षीय लेखिका ने मीडिया से बातचीत में खुद यह जानकारी दी। इस मौके पर फिल्म की कुछ क्लिप भी दिखाई गईं। फिल्म आदिवासियों के शोषण पर आधारित है।

महाश्वेता देवी ने कहा, ‘मैं किसी अहम कलाकार के साथ नहीं दिखाई दूंगी। लेकिन पहली बार मैं कैमरे के सामने आ रही हूं।’ ‘दौड़’ की कहानी पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा के दौरान एक आदिवासी की मौत के इर्द-गिर्द घूमती है। यह कहानी हाल ही में घटी उस घटना से मिलती है जिसमें कोलकाता पुलिस में कांस्टेबल के लिए शारीरिक परीक्षण में शामिल हो रहे दो युवकों की चिलचिलाती धूप में मौत हो गई थी।

फिल्म के निर्देशक ईश्वर चक्रवर्ती ने इसका संदर्भ लेते हुए कहा कि महाश्वेता देवी कितनी आगे की सोच सकती हैं। पद्म विभूषण सम्मान से नवाजी जा चुकीं महाश्वेता देवी ने कहा कि उन्होंने फिल्म नहीं देखी हैं और केवल कहानियां लिखी हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने अभी फिल्म नहीं देखी है। केवल कहानियां लिखी हैं और शूटिंग के दौरान निर्देशक की बातों पर ध्यान दिया। मैं इसके बारे में फैसला दर्शकों पर छोड़ती हूं।’

‘दौड़’ के अलावा दो अन्य कहानियां ‘अरण्येर अधिकार’ और ‘मधुहो’ हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने बंगाल और पड़ोसी राज्यों के आदिवासी प्रभाव वाले गांवों का दौरा किया और उनके साथ ठहरी। मैं उन इलाकों के लोगों को निजी तौर पर जानती हूं।’ अपनी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह कहानी का अंतर्निहित हिस्सा है, जिसमें उनका किरदार पेड़ों और जंगल से अलग नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, June 28, 2012, 14:02

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