एक्टिंग से घृणा थी, लेकिन मजबूरी थी: लता मंगेशकर

एक्टिंग से घृणा थी, लेकिन मजबूरी थी: लता मंगेशकर

एक्टिंग से घृणा थी, लेकिन मजबूरी थी: लता मंगेशकरमुंबई : अपने सात दशक के लंबे करियर में 36 भाषाओं और हजार से अधिक फिल्मों में गाना गा चुकीं महान गायिका लता मंगेशकर कहती हैं कि वह अब भारतीय फिल्म उद्योग में बेगानापन महसूस करती हैं। दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार विजेताओं की घोषणा के आयोजन मौके पर 83 साल की गायिका ने सोमवार को कहा, "जब हम काम किया करते थे, तब से सिनेमा पूरी तरह बदल चुका है। मैं यह नहीं कहती कि ये अच्छा नहीं है लेकिन मैं इसमें प्रासंगिक नहीं हूं। यदि मैं आज किसी फिल्म में गाऊं तो मैं यह नहीं सोचूंगी कि मैं इसे पूरी खूबसूरती के साथ गाने में सक्षम होऊंगी।"

गायिका लता मंगेशकर मानती हैं कि उन्हें फिल्मों में अभिनय से घृणा थी लेकिन उस वक्त उनके पास विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा, "मैंने सात से आठ फिल्मों में अभिनय किया है लेनिक मैंने इसका लुत्फ नहीं उठाया। जब मैं उन फिल्मों में काम करती थी मैं बहुत दुखी हो जाया करती थी। लेकिन उस वक्त मैं असहाय थी। मेरे पास कोई विकल्प नहीं था।"

कुछ भी हो, वह मानती हैं कि "परिवर्तन इस संसार में अवश्यंभावी है।" और उन्होंने कहा कि इसके लिए वह किसी को आरोपित नहीं कर रही हैं। उनका बॉलीवुड फिल्मों में आखिरी गाना 2011 में रिलीज `सतरंगी पैराशूट` का `तेरे हंसने से` था। उन्होंने पिछले साल एक भजन अल्बम के साथ अपना संगीत लेबल `एलएम` लांच किया था। शास्त्रीय गीत से लेकर रोमांटिक, गजल से लेकर भजन लता मंगेशकर ने हर तरह के गाने गाए हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, April 10, 2013, 11:58

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