Last Updated: Monday, September 2, 2013, 21:09

नई दिल्ली : फिल्म उद्योग पर भी रुपये की कमजोरी का असर पड़ा है। डॉलर तथा अन्य विदेशी मुद्राओं की तुलना में रुपये के कमजोर पड़ने से फिल्म निर्माताओं के लिये विदेशों में शूटिंग करना महंगा हो गया है। ऐसे में घरेलू शूटिंग स्थल फिल्म निर्माण के लिहाज से काफी आकर्षक बन गये हैं।
प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के ‘कमजोर रपया और विदेशों में फिल्म शूटिंग’ पर तैयार एक दस्तावेज के अनुसार बालीवुड फिल्मों की विदेशों में शूटिंग में 30 से 35 प्रतिशत गिरावट आई है।
बॉलीवुड फिल्म निर्माता देश से बाहर शूटिंग पर जाने से कतराने लगे हैं और अब देश के भीतर ही विभिन्न स्थलों पर शूटिंग को प्राथमिकता दे रहे हैं। एसोचैम महासचिव डी.एस. रावत ने उद्योग मंडल के इस दस्तावेज को जारी करते हुये सोमवार को कहा ‘हाल के महीनों में भारतीय फिल्म निर्माताओं द्वारा विदेशों में खर्च काफी कम हुआ है, डॉलर महंगा होने की वजह से निर्माता सस्ते स्थलों की तलाश कर रहे हैं, वह देश में ही बेहतर प्रोत्साहनों वाले स्थानों को तवज्जो देने लगे हैं।’
एसोचैम दस्तावेज के अनुसार फिल्म निर्माताओं के लिये अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन, इटली, आयरलैंड और डेनमार्क जैसे स्थानों पर फिल्म की शूटिंग करना काफी महंगा हो गया है। निर्माता ऐसे स्थानों को देख रहे हैं जहां उन्हें डॉलर में भुगतान नहीं करना पड़े।
इनमें श्रीलंका, दुबई, बाली और फकेट प्रमुख हैं या फिर वह कश्मीर, हिमाचल, केरल और गोवा जैसे प्रमुख घरेलू स्थलों पर शूटिंग करना पसंद कर रहे हैं।
एसोचैम मीडिया और मनोरंजन समिति के अनुसार ‘गिरते रुपये से विदेशी स्थलों पर शूटिंग में 30 प्रतिशत तक कमी आई है।’
हाल में कई भारतीय फिल्मों की शूटिंग विदेशों में की गई। सलाम नमस्ते (आस्ट्रेलिया) कल हो ना हो (अमेरिका), कभी खुशी कभी गम (ब्रिटेन), शादी से पहले (मलेशिया) और कहा ना प्यार है की शूटिंग न्यूजीलैंड में हुई।
वर्ष 2012 में जहां फिल्मों की विदेशों में शूटिंग में 40 प्रतिशत वृद्धि हुई वहीं 2013 में इसमें 30 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तरफ घरेलू स्थलों पर शूटिंग में जहां 2012 में 20 प्रतिशत गिरावट आई थी 2013 में इसमें 35 प्रतिशत वृद्धि हुई है। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 2, 2013, 21:09