Last Updated: Sunday, March 25, 2012, 03:57
मुंबई: हिंदी सिनेमा जगत के प्रख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन ने कहा है कि वह प्रतिभाओं, खासकर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में शामिल प्रतिभाओं के प्रति लोगों की ओर से असम्मान प्रदर्शित किए जाने से परेशान हैं। अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा, मैंने कई कार्यक्रमों में व्यावसायिक प्रतिभाओं के प्रस्तुतियां देने के दौरान ऐसा देखा है। वे अपनी कला प्रदर्शित करने के लिए आते हैं और उन्हें किसी भव्य विवाह में बजने वाले संगीत की तरह नहीं देखा जा सकता। जब मैं पार्टियों में ऐसा होता देखता हूं, तो यह मुझे बहुत अनुचित लगता है। मुझे शर्मिदगी महसूस होती है।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं मेहमानों को फटकार लगा दूं लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता। मैं इसकी बजाए सोचता हूं कि कलाकार अपने वाद्य यंत्रों को समेटें और वहां से निकल जाएं। इसके लिए सालों की तपस्या की आवश्यकता होती है। इस तरह का बर्ताव मुझे प्रभावित नहीं करता।
अमिताभ ने लोगों से कलाकारों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, उन्हें मिले कुदरत के तोहफे का प्रदर्शन करने दें और उन्हें उस भावना का हिस्सा बनने का अवसर दें। मैंने अक्सर देखा है कि इन स्थितियों में ये कलाकार आमंत्रितों की अरुचि के बावजूद मजबूरी में अपना कार्यक्रम जारी रखते हैं।
उन्होंने कहा, उन्हें सराहना की तलाश होती है, उन्हें एक ऐसे व्यक्ति की तलाश होती है जो उनकी कला की प्रशंसा करे लेकिन अफसोस ऐसा कभी नहीं होता। परिस्थितियां उन्हें अपना कार्यक्रम जारी रखने को मजबूर करती हैं। अन्य आत्मसम्मान रखने वाले कलाकार अपनी प्रस्तुति बीच में ही रोक, अपना इरादा बता वहां से चले जाते हैं। यदि ऐसा हो तो मुझे खुशी होती है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, March 25, 2012, 09:27