डराने की कोशिश करती है ‘1920 : एविल रिटर्न्स’

डराने की कोशिश करती है ‘1920 : एविल रिटर्न्स’

डराने की कोशिश करती है ‘1920 : एविल रिटर्न्स’ज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली : कुछ महीने पहले हिट फिल्म ‘राज-3’ देने के बाद निर्देशक विक्रम भट्ट अपनी नई फिल्म ‘1920 : एविल रिटर्न्स ’ के साथ लौटे हैं।

फिल्म ‘1920 : एविल रिटर्न्स ’ में वे सभी तत्व मौजूद हैं जो इनकी फिल्म ‘1920’ में नजर आए थे। इस फिल्म की मुख्य भूमिकाओं में टीया बाजपेयी और आफताब शिवदासानी हैं। फिल्म में इंग्लैंड की खूबसूरत वादियों को आजादी के पहले के एक भारतीय पहाड़ी कस्बे के रूप में पेश किया गया है।

सवाल है कि विक्रम भट्ट अपनी इस सिक्वेल में पिछले से क्या नया लेकर आए हैं। इसका जवाब फिल्म की पटकथा में है जिसे विक्रम भट्ट ने खुद लिखा है।

फिल्म की कहानी कुछ इस प्रकार है- फिल्म की कहानी शिमला के आस-पास की बताई गई है। इस फिल्म की नायिका स्मृति (टीया बाजपेयी) हैं जो जयदेव वर्मा (आफताब शिवदासानी) से प्रेम करती हैं। दोनों अभी तक मिले नहीं हैं। जयदेव वर्मा कवि हैं और स्मृति उनकी कविताओं की प्रशंसिका हैं।

दोनों के बीच प्रेम पत्रों के माध्यम से बातचीत होती है। एक समय ऐसा आता है कि जयदेव वर्मा स्मृति को मृत मान लेता है, जबकि स्मृति अभी तक जयदेव वर्मा से मिल भी नहीं सकी है।

स्मृति जब जयदेव से मिलने के लिए निकलती है तो वह बुरी आत्मा की चपेट में आ जाती है। बुरी आत्मा दोनों को मिलने देना नहीं चाहती। इसके बाद की पूरी कहानी असुरी आत्मा से स्मृति को मुक्त कराने की है।

फिल्म पहले भाग में दर्शकों को डरा नहीं पाती लेकिन दूसरे भाग में फिल्म काफी डरावनी साबित होती है। फिल्म के दूसरे भाग में वह सभी चीजें मौजूद हैं जो एक सफल हॉरर फिल्म में होनी चाहिए। हालांकि, फिल्म खामियों से दूर नहीं है और यह बहुत हद तक पुराने ढर्रे पर चलती है।

अभिनय की अगर बात करें तो टीया ने अपने किरदार को अच्छी तरह निभाया है। खासकर, जब वह बुरी आत्मा के वश में रहती हैं तो उन्हें अजीबो-गरीब हरकतें करनी पड़ती हैं। टीया अपनी पिछली फिल्म ‘हंटेड’ से ज्यादा आत्मविश्वास में नजर आई हैं। वहीं, जयदेव वर्मा के किरदार से आफताब न्याय नहीं कर सके हैं। कई जगह उनके अभिनय में कमजोरी साफ तौर पर उभरी है।

फिल्म के अन्य किरदार विद्या मालवड़े और सागर सैकिया का किरदार फिल्म को आगे बढ़ाने में सहायक है।

बतौर निर्देशक इस फिल्म से शुरुआत करने वाले भूषण पटेल भी अपवाद नहीं हैं। उनमें सुधार की अभी गुंजाइश है। फिल्म की पटकथा जब डरावनी फिल्मों के एक वरिष्ठ के द्वारा लिखी गई हो तो उस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत होती है।

फिल्म में स्पेशल इफेक्ट्स का भी इस्तेमाल किया गया है जो फिल्म के प्रभाव को तीव्र करता है। कुल मिलाकर डरावनी फिल्में पसंद करने वाले ‘1920 : इविल रिटर्न्स’ को देख सकते हैं। उम्मीद है कि फिल्म आपको निराश नहीं करेगी।

First Published: Saturday, November 3, 2012, 13:58

comments powered by Disqus