Last Updated: Tuesday, March 13, 2012, 11:15
मुम्बई: अपनी मखमली आवाज के लिए मशहूर गायक शान मानते हैं कि पार्श्र्व गायिकी ने अपनी चमक खो दी है और अभिनेताओं को अपने गाने खुद ही गाने चाहिए।
शान ने कहा, असल में पाश्र्व गायिकी के अच्छे दिन बीत चुके हैं। अगर अभिनेता अपने गाने खुद ही गाएं तो अच्छा होगा। पश्चिम के लोगों को जब मैं बताता हूं कि मैंने फलां-फलां कलाकारों के लिए अपनी आवाज दी है तो वे हैरान होते हैं। पश्चिम के लोग कहते कि भारतीय अभिनेता अपने गाने खुद ही क्यों नहीं गाते। उनके यहां तो ऐसा होता है और यह चलन काफी सफल है।
शान ने कहा कि अगर अभिनेता गायक बन जाते हैं और इस कारण वह बेरोजगार हो जाते हैं तो इसका उन्हें मलाल नहीं होगा। शान ने कहा, बदलाव आएगा तो हम कुछ और कर लेंगे।
हाल ही में 'कोलावरी डी' और 'भाग डीके बोस भाग' जैसे गाने काफी सफल रहे हैं लेकिन शान इनकी सफलता से खुश नहीं हैं। शान कहते हैं कि फजूल की चीजें सबसे अधिक सफल होती हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 13, 2012, 16:45