Last Updated: Tuesday, July 24, 2012, 14:59

नई दिल्ली: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबिदीन अली खान ने मनोरंजन जगत के लोगों से जुड़े अपने विवादास्पद बयान के बाद कहा है कि वह फिल्म वालों के जियारत करने के नहीं, बल्कि फिल्मों की कामयाबी के लिए दुआ मांगने के खिलाफ हैं।
सज्जादानशीन खान ने कहा कि मैं फिल्म या टीवी के लोगों के यहां आकर जियारत करने के खिलाफ नहीं हूं। जियारत करने के तरीके पर मैंने सवाल खड़ा किया है। वे लोग अपनी फिल्मों की कामयाबी की दुआ मांगते हैं।
उन्होंने कहा, ‘सूफी परंपरा का पूरा इतिहास रहा है और इस परपंरा में सबसे बड़ा नाम ख्वाजा का है। यहां आकर गाने-नाचने और अश्लीलता वाली चीजों की कामयाबी की दुआ नहीं मांगी जा सकती है। हम उम्मीद करते हैं कि अल्पंसख्यक कार्य मंत्रालय इस परंपरा को कायम रखने के लिए जरूरी कदम उठाएगा।’
उल्लेखनीय है कि अजमेर शरीफ के पूरे प्रबंधन का काम देखने वाली दरगाह कमिटी इसी मंत्रालय के तहत आती है।
पिछले दिनों दीवान ने एक बयान में कहा था, ‘अजमेर शरीफ में फिल्म निर्माताओं, कलाकारों और निर्देशकों की ओर से फिल्मों तथा धारावाहिकों की कामयाबी के लिए दुआ मांगना इस्लामी शरीयत और सूफीवाद की मूल परंपरा के खिलाफ है।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 24, 2012, 14:59