Last Updated: Monday, July 15, 2013, 23:35
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ ने चार दिन में 32 करोड़ 25 लाख रूपए का कारोबार किया है। यह फिल्म प्रसिद्ध एथलीट मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में फरहान अख्तर सोनम कपूर और दिव्या दत्ता के एक्टिंग ने दर्शकों को अपनी ओर खींचने सफलता पाई है।
व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार इस फिल्म ने प्रदर्शित होने के पहले दिन 9 करोड़ का व्यापार किया और अब तक यह 32 करोड़ रूपए से ज्यादा की कमाई हो चुकी है। 12 जुलाई को रिलीज होने के बाद से ही दर्शकों से इस फिल्म को भरपूर सराहना मिली है।
फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ के जरिए पूर्व ओलंपियन मिल्खा सिंह को सही अर्थों में सम्मान दिया है। ‘अक्स’ ‘रंगे दे बसंती’, ‘दिल्ली-6’ फिल्में बना चुके मेहरा की खेलों के प्रति संजीदगी को भी यह फिल्म दिखाती है। वर्ष 1947 में हुए देश के विभाजन की त्रासदी लाखों-करोड़ों लोगों को झेलनी पड़ी। मिल्खा सिंह भी इसके शिकार हुए लेकिन इस त्रासदी ने उनका पूरा जीवन बदल दिया।
फिल्म में मिल्खा (फरहान अख्तर) एक चैंपियन है जिसे बीता हुआ कल परेशान करता रहता है। बचपन में परिजनों की मौत का दर्द समय बीतने के बाद भी मिल्खा के जीवन में बना रहता है। पिता के कहे गए शब्द ‘भाग मिल्खा भाग’ मिल्खा के कानों में बार-बार गूंजते हैं। मिल्खा को अपने जीवन के लिए वास्तव में भागना पड़ता है। मिल्खा के जीवन की यह दुखद कहानी ही उसे एथलीट बनने में खास भूमिका निभाती है।
विभाजन के बाद मिल्खा को राहत शिविर में रहना पड़ता है। यहां उसकी मुलाकात अपनी बहन इसरी (दिव्या दत्ता) से होती है। समय गुजरने के साथ मिल्खा बड़ा होता है और अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए चोरी करता है। लेकिन उसे एक लड़की (सोनम कपूर) से प्रेम हो जाता है। प्रेम में पड़ा मिल्खा चोरी करना छोड़ देता है। अपनी प्रेमिका का दिल जीतने के लिए वह भारतीय सेना में शामिल हो जाता है।
सेना में प्रशिक्षण के दौरान कोच (पवन मल्होत्रा) मिल्खा में छिपे धावक को पहचान लेता है और फिर मिल्खा सिंह धीरे-धीरे ‘फ्लाइंग सिख’ के रूप में उभर जाता है। अभिनय की अगर बात करें तो फरहान अख्तर ने मिल्खा की भूमिका में अपना जी-जान लगा दिया है। शायद मिल्खा की भूमिका फरहान से बेहतर कोई और नहीं कर सकता था। अभिनेत्री सोनम कपूर थोड़े समय के लिए पर्दे पर नजर आती हैं। सोनम ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। फिल्म के अन्य कलाकारों पवन मल्होत्रा, प्रकाश राज एवं योगराज सिंह ने भी अपने अभिनय से प्रभावित किया है।
फिल्म पूरी तरह से मनोरंजन करती है लेकिन कुछ जगहों पर खामियां भी हैं जिनसे बचा जा सकता था। फिल्म थोड़ी छोटी और कसी हुई होती तो यह और बेहतर बन सकती थी। फिल्म की कहानी प्रसून जोशी ने लिखी है। प्रसून ने एक बार फिर अपनी कवि प्रतिभा को साबित किया है। भावनाओं और संवेदनाओं को उकोरने में उन्होंने अपनी कवि प्रतिभा का पूरा इस्तेमाल किया है। तो शंकर महादेवन का संगीत सुनने में तरो-ताजा लगता है।
तकनीकी रूप से भी यह फिल्म अच्छी बन पड़ी है। विभाजन के समय के सेट्स शानदार हैं। आम दर्शक को ‘भाग मिल्खा भाग’ भले ही उतनी पसंद न आए लेकिन खेल के प्रति जरा भी रुचि रखने वाले लोगों को यह फिल्म जरूर पंसद आएगी। आप एक देशभक्त हैं तो यह फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए।
First Published: Monday, July 15, 2013, 23:13