मसाला फिल्मों ने मचाया धमाल - Zee News हिंदी

मसाला फिल्मों ने मचाया धमाल

मुंबई : यह साल सलमान खान की ‘बाडीगार्ड’ और ‘रेड्डी’ जैसी मसाला फिल्मों के नाम रहा। इन फिल्मों में पटकथा से ज्यादा ‘सलमान’ का ब्रांड तो चला ही ‘कैरेक्टर ढीला है..’ और ‘ढिंक चिका..’ जैसे गानों ने दर्शकों को झूमने को मजबूर किया 40 करोड़ रुपए में बनी इस फिल्म ने छह सप्ताह में करीब 179 करोड़ रुपए कमाए।

 

 

ईद के अवसर पर रिलीज ‘बॉडीगार्ड’ ने जमकर पैसों की बारिश की। विश्व भर से 229 करोड़ रुपए की कमाई के साथ 2011 में सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म बनी। रोहित शेट्टी निर्देशित ‘सिंघम’ अजय देवगन के लिए खुशियां लाई। इस फिल्म ने छह सप्ताह में करीब 150 करोड़ रुपए कमाए।

 

 

करीब 90 प्रतिशत फिल्में इस साल असफल रही। लेकिन, अधिकांश शीर्ष कलाकारों ने प्रशंसकों को निराश किया। बड़ी फिल्मों के औंधे मुंह गिरने की शुरूआत साल के प्रारंभ से ही हो गई थी। साल के शुरूआत में रानी मुखर्जी अभिनीत ‘नो वन किल्ड’ प्रशंसकों का प्यार पाने में सफल नहीं हुई। जबर्दस्त मार्केटिंग, प्रचार के बावजूद शाहरुख खान की मेगा बजट फिल्म ‘रा.वन’ को प्रशंसकों की तरफ से मिली-जुली प्रतिक्रिया ही प्राप्त हुई।

 

 

आमिर खान के लिए यह साल अच्छा और बुरा दोनों रहा। उनके होम प्रोडक्शन की फिल्म ‘घोबी’ घाट को प्रशंसकों का उतना प्यार नहीं मिल सका। इस फिल्म का निर्देशन उनकी पत्नी किरण राव ने किया था। हालांकि बाद में उनके होम प्रोडक्शन की ‘डेली बेली’ हिट रही। आमिर खान इस फिल्म में एक गाने ‘आई हेट यू..लाइक आई लाइक लव यू’ में ‘आइटम व्वॉय’ बनकर दर्शकों के सामने आए।

 

 

प्रियंका चोपड़ा की ‘7 खून माफ’ और शाहिद कपूर की ‘मौसम’ से प्रशंसकों ने काफी उम्मीद लगा रखी थी, लेकिन इसे भी अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। संजय लीला भंसाली के होम प्रोडक्शन की ‘माय फ्रेंड पिंटो’, रणबीर कपूर की ‘रॉकस्टार’ और डेविड धवन की कॉमेडी फिल्म ‘रॉस्कल’ भी इसी कड़ी की फिल्म साबित हुई।

 

 

अभिषेक बच्चन के लिए भी यह साल निराशाजनक ही रहा। ‘दम मारो दम’ से उन्हें कोई दम नहीं मिल सका। अमिताभ बच्चन की ‘बुड्ढा होगा तेरा बाप’ और प्रकाश झा निर्देशित ‘आरक्षण’ को भी कोई विशेष सफलता नहीं मिल पाई। हेमा मालिनी की फिल्म ‘टेल मी ओ खुदा’ उनकी बेटी ऐशा देओल के लिए सफलता का जरिया नहीं बन सका। फ्लॉप फिल्मों की सूची में राकेश ओमप्रकाश मेहरा की ‘तीन थे भाई’, अनीस बज्मी की ‘थैंक यू’ और निखिल आडवानी की ‘पटियाला हाउस’ का भी नाम रहा। फिल्मकार मधुर भंडारकर की ‘दिल तो बच्चा है जी’ को भी उनकी पहले की फिल्मों ‘फैशन’ और ‘पेज थ्री’ जैसी सफलता नहीं मिल सकी।

 

आर माधवन और कंगना रानावत की ‘तनु वेड्स मनु’ और विद्या बालन की ‘द दर्टी पिक्चर’ भी अपनी दमदार पटकथा की बदौलत हिट रहने में कामयाब रही। सलमान के नक्श-ए-कदम पर चलकर जॉन अब्राहम ने ‘फोर्स’ की और इसने अच्छा कारोबार किया।

 

 

जोया अख्तर की ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ को आलोचकों ने भी सराहा और इसे परदे पर भी कामयाबी हासिल हुयी। पुरानी फिल्मों की सीक्वल ‘भेजा फ्राइ’, ‘धमाल’ और ‘मर्डर 2’ को औसत कामयाबी ही मिली। साल के अंत में 23 दिसंबर को प्रदर्शित होने वाली एक शाहरुख खान की ‘डॉन 2- द किंग इज बैक’ से लोगों को काफी उम्मीदें है।

 

छोटे बजट की ‘रागिनी एमएमएस’, ‘हांटेड’, ‘चलो दिल्ली’, ‘प्यार का पंचनामा’ चुनिंदा दर्शकों का प्यार जीतने में कामयाब रही। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 18, 2011, 17:45

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