यौन तस्करी की वास्तविक घटना पर बनी फिल्म

यौन तस्करी की वास्तविक घटना पर बनी फिल्म

नई दिल्ली : सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता कृष्णन ने हजारों महिलाओं को वेश्यावृति से मुक्त कराया है और उनपर अपने लिए खतरा समझने वाले मानव तस्करी करने वालों की गाज अब भी गिर रही है लेकिन इन बातों से उनके इरादे पर कोई फर्क नहीं पड़ा है और उन्होंने इस विषय को लोगों के सामने लाने के लिए वेश्यावृति के वास्तविक जीवन पर फिल्म बनाई है।

मलयालम में बनी इस फिल्म में मराठी अभिनेत्री अंजलि पटेल मुख्य किरदार में हैं जबकि सिद्दिकी उनके पिता की भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म इसी महीने सिनेमाघरों में आ जाएगी।

सुनीता ने कहा, ‘‘यौन तस्करी कई वषरें से एक समस्या रही है लेकिन आज भी लोग इसके चक्कर में फंसी महिलाओं और लड़कियों पर ही तुरंत अंगुलियां उठा देते हैं। लोगों का दिमाग अब भी नहीं बदला है। वे अब भी सोचते हैं कि उनके (महिलाओं के) साथ यौन तस्करी हो ही नहीं सकती। उसे बदलना है और मैं विशाल दर्शकों तक पहुंचने के लिए मुख्यधारा की सिनेमा का रास्ता अपना रही हूं। ’’ सुनीता ने अपने पति राजेश टचरिवर के साथ मिलकर इस फिल्म का निर्माण किया है और यह तेलुगू में भी है।

यौन हिंसा की पीड़ितों की मदद के लिए हैदराबाद में एनजीओ चलाने वाली सुनीता का कहना है कि उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं और उन्हें तेजाब से भी निशाना बनाया गया। यहां तक कि उन लोगों ने उन्हें कई बार मारा-पीटा भी जो उन्हें अपने लिए खतरा मानते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘मैं जो कर रही हूं, उसमें सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोगों के मन में समस्या को लेकर अहसास पैदा करना। मैं मानती हूं कि जिस दिन नियम कानून बनाने का अधिकार रखने वाले लोग समस्या का अहसास करने लगेंगे उस दिन सामाजिक बदलाव शुरू होगा। ’’ यह फिल्म एक बाप-बेटी के इर्द-गिर्द घूमती है । इसमें मानव तस्करी को बखूबी पेश किया है।

सुनीता ने कहा, ‘‘यह एक वास्तविक घटना है जिसकी मैं प्रत्यक्षदर्शी रही हूं और राजेश ने इसे थ्रिलर मूवी के रूप में लिया है । इसे लोग सपरिवार देख सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने (आंध्रप्रदेश में) तस्करी विरोधी नीति का मसौदा तैयार करने में मदद की और सेक्स पीड़ितों के पुनर्वास से संबंधित मेरी सिफारिशें राज्य के कानून के रूप में पारित की गयीं।’’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 9, 2012, 20:27

comments powered by Disqus