Last Updated: Monday, February 18, 2013, 08:10
ज़ी नयूज ब्यूरोफिल्म मर्डर-3 की कहानी विदेशी फिल्म से उड़ाई गई मालूम होती है। यह फिल्म स्पेनिश थ्रिलर फिल्म ‘हिडन फेस’ से मिलती-जुलती है। मर्डर 3’ के रूप में द हिडन फेस का ऑफिशियल रिमेक बनाया है। अपराध और सेक्स का मिश्रित फार्मूला मर्डर-3 में भी नजर आया है। अपराध में रोमांच, फिर सस्पेंस और उसके बाद सेक्स का तड़का यह महेश भट्ट की फिल्मों की खासियत रही है।
इस फिल्म की कहानी ठीक-ठाक है जो औसत से थोड़ी ऊपर है। लेकिन फिल्म में मनोरंजन का तड़का डालने के फेर में कई चीजें अधपकी रह गई है। फिल्म की स्क्रिप्ट में बार-बार भटकाव मालूम होता है। फिल्म के कई सीन को काफी देर तक खींचा गया है जिसके दर्शक ऊब जाता है। फिल्म के बारे में यह दावा कि यह सस्पेंस थ्रिलर है कुछ हजम नहीं होता है। फिल्म को बेहद रोमांचक थ्रिलर कतई नहीं कहा जा सकता है। यह तब होता जब फिल्म की पटकथा में कसावट होती जो नदारद है।
इस फिल्म में रणदीप हुड्डा ने एक फोटोग्राफर की भूमिका अदा की है जिन्हें एक वेट्रेस सारा लॉरेप से प्यार हो जाता है। इससे पहले की दोनों का प्यार परवान चढ़ पाता लोरेन को उसके बारे में पता चलता है कि वह हुड्डा की पूर्व प्रेमिका गुमशुदा है और इसी वजह से उन्हें पुलिस तलब करती है और यही कहानी एक मर्डर मिस्ट्री की तरफ तेजी से बढ़ती है। फिल्म के दूसरे घंटे में कहानी नया मोड़ ले लेती है और दर्शकों को कई सीन में चौंक जाते है। फिल्म का दूसरा हाफ पहले हाफ से ज्यादा बेहतर है। फिल्म के कई अनवांटेड सीन की वजह यह भी है कि फिल्म की पटकथा कमजोर है।
फिल्म का संगीत भी फिल्म को सपोर्ट करता है। प्रीतम, रॉक्सेन बैंड का संगीत तो भट्ट कैंप की हर फिल्मों का खास हिस्सा रहा ही है। अभिनय की बात करें तो रणदीप ने अपने को ठीक से निभाया है। अदिती और सारा का काम भी औसत कहा जा सकता है।
फिल्म में कुछ बारीकियों पर गौर नहीं किया गया है। रोशनी के गायक होने के राज से जब पर्दाफाश होता है तब लोगों की रूचि फिल्म में बढ़ती है। लेकिन इस बीच कई ऊबाऊ सीन दर्शकों को झेलने पड़ते है। कुल मिलाकर यह फिल्म एक बार देखी जा सकती है। लेकिन एक बात ध्यान रहे की फिल्म मनोरंजन के पैमाने पर खरी नहीं उतरती है लेकिन वन टाइम वाच के लिहाज से बुरी नहीं है।
First Published: Friday, February 15, 2013, 16:06