Last Updated: Wednesday, July 11, 2012, 23:08
लंदन : गीतकार एवं लेखक जावेद अख्तर का कहना है कि मादरी ज़ुबान में तालीम नहीं पाने के कारण भारतीय बच्चे अपनी सांस्कृतिक जड़ों से नहीं जुड़े हैं।
अपने कविता संकलन ‘लावा’ का मंगलवार शाम यहां विमोचन करते हुए अख्तर ने कहा, इस वैश्विकृत दुनिया में अंग्रेजी की महत्ता भारतीय शिक्षा में बढ़ती जा रही है जबकि ऐसा हिंदी और उर्दू के साथ नहीं हो रहा। इसका असर यह हुआ है कि बच्चे अपनी संस्कृति से कट गए हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हिंदी और उर्दू जुड़वा बहनें जैसी हैं। वे दोनों एक दूसरे के बिना नहीं जी सकतीं। भारत के विकास के तरीके पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मैं भारत के भविष्य को लेकर बहुत आशावादी हूं। जहां तक हमारी व्यवस्थाओं का सवाल है, हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं।
भारत में महिलाओं की स्थिति के बारे में जवाब देते हुए अख्तर की पत्नी शबाना आजमी ने कहा, हमारे देश में महिला राष्ट्रपति है, महिला लोकसभा की अध्यक्ष है, सदन में विपक्ष की नेता महिला है और सत्तारूढ़ पार्टी की नेता महिला होने के साथ-साथ कई महिला मुख्यमंत्री हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 11, 2012, 23:08