Last Updated: Wednesday, April 24, 2013, 21:35

नई दिल्ली: फिल्म रॉकस्टार के `कतिया करूं` ने सीधे मर्म पर चोट किया और संगीत प्रेमियों का पसंदीदा रोमांटिक गाना हो गया। लेकिन क्या आपको पता है कि प्रतिष्ठित मरहूम गायिका शमशाद बेगम ने `कतिया करूं` को 1963 में गाया था। इस साल 100 वर्ष के हो चुके भारतीय फिल्म उद्योग की पहली पाश्र्व गायिकाओं में से एक थीं शमशाद बेगम। 94 की उम्र में वह भारतीय सिनेमा की उम्र से महज छह साल छोटी थीं। और शायद फिल्म जगत की सबसे बुजुर्ग जीवित सदस्य थीं।
यह समय शमशाद बेगम के `कतिया करूं` की फिर से चर्चा करने का है। जो कि न केवल उस दौर की ऊंचाइयों से रूबरू कराती है बल्कि उनकी बहुमुखी प्रतिभा को भी प्रदर्शित करती है।
यह गाना श्वेत-श्याम पंजाबी फिल्म `पिंड डि कुरही` में अभिनेत्री निशी पर फिल्माया गया। इसे बलदेव आर झिंगन ने निर्देशित किया था। यह एक जोशीला लोकनृत्य है।
इस गाने में अभिनेत्री निशी घुटनों तक लंबी स्कर्ट और कुर्ती पहने हुए चितामुक्त होकर नाचती है। गाना में ठेठ मस्तीभरी प्यारी लोक धुनें थीं। इसमें आप पंजाबी तड़का भी पाएंगे।
हंसराज बहल द्वारा रचित इसकी झंकार बहुत तेज थी। और निशी के ठुमके आज भी इसे फिर से देखने को मजबूर करते हैं।
हालिया `कतिया करूं` का `मुखड़ा` शमशाद के गाने जैसा है लेकिन `अंतरा` अलग है। `रॉकस्टार` के इस गाने को हर्षदीप कौर और सपना अवस्थी ने गाया है।
शमशाद बेगम ने `कभी आर कभी पार`, `सैंया दिल में आना रे` और `मेरे पिया गए रंगून` जैसे गाने गाकर 1940-50 के दशक में श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 24, 2013, 21:35