Last Updated: Sunday, February 19, 2012, 05:26
नई दिल्ली: आयुर्वेद में दिल के रोगों के लिए अर्जुन वृक्ष की छाल को इस्तेमाल को पहले से ही उपयोगी बताया गया है लेकिन अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर भी आयुर्वेद के इन दावों की जांच करते हुए हृदय रोगियों का उपचार इससे करने की योजना बना रहे हैं।
अर्जुन की छाल की क्षमताओं का पता लगाने के लिए हृदय रोगियों पर इसका क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। आयुर्वेदिक डॉक्टर और वैद्य इसका इस्तेमाल हृदय संबंधी समस्याओं में पहले से करते आ रहे हैं।
एम्स के डॉक्टर एसके मौलिक ने बताया कि दिल के रोगियों के इलाज में आयुर्वेद में पहले से अर्जुन की छाल का इस्तेमाल होता रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान का बायोटेक्नोलॉजी विभाग इनकी क्षमता का आकलन करना चाहता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने इस क्लीनिकल ट्रायल कराने का फैसला किया। क्लीनिकल परीक्षण से पहले पशुओं पर किये गये अध्ययन प्रभावी साबित हुए हैं। नयी दवा की क्षमता के परीक्षण के लिए हम पिछले दो साल से उन रोगियों पर इसका परीक्षण कर रहे हैं जिन्हें दिल का दौरा पड़ चुका है। हम इलाज को लेकर आशान्वित हैं।’ एम्स के हृदय रोग विभाग और पैथोलॉजी के साथ मिलकर किये जा रहे क्लीनिकल परीक्षण की निगरानी समिति में संस्थान के फार्माकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ वाई के गुप्ता भी सदस्य हैं।
अर्जुन का पेड़ 25 मीटर उंचाई तक उगता है और इसकी डाल काफी बड़ी होती है। इसके अनेक भागों में तरह तरह के औषधीय गुण होते हैं जिनका इस्तेमाल यूनानी आदि उपचार पद्धतियों में किया जाता है। मौलिक ने कहा कि हृदय रोगियों पर परीक्षण से पहले दवा के मानकों का ख्याल रखा गया है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, February 19, 2012, 10:56