Last Updated: Tuesday, November 20, 2012, 20:53

वाशिंगटन: अमेरिका में हुए एक नवीनतम शोध में दावा किया गया है कि किडनियां खराब होने का असर सोचने, समझने, तर्कशक्ति या याददाश्त कमजोर होने जैसे मानसिक क्रियाकलापों पर भी पड़ सकता है। टेम्पल्स कॉलेज ऑफ हेल्थ प्रोफेशंस एंड सोशल वर्क में लोक स्वास्थ्य के एसोसिएट प्रोफेसर प्रमुख शोधकर्ता एडम दवे ने कहा, "कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम से मस्तिष्क और किडनी, दोनों प्रभावित होते हैं।
टेम्पल, मायने तथा मेरीलैंड यूनिवर्सिटीज के शोधकर्ताओं ने पांच साल के आंकड़ों के अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला। इसमें 590 लोगों सम्बंधित आंकड़ों का अध्ययन किया गया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जैसे-जैसे किडनी खराब होती जाती है, उसका असर लोगों की चेतना से सम्बंधित क्रियाकलापों पर भी होता है, खास तौर पर तार्किक एवं मौखिक याददाश्त प्रभावित होती है।
ऐसे लोग रक्तचाप सहित तनाव जैसी चीजों से भी प्रभावित होते हैं। इसलिए यह सामान्य है कि यदि किसी एक अन्य में बदलाव होते हैं तो अन्य अंगों में भी ऐसा होता है।
उन्होंने कहा कि शोध के नतीजे दो महत्वपूर्ण बातों पर बल देते हैं। पहला, किडनी की बीमारी का इलाज तथा चेतना से सम्बंधित मस्तिष्क के क्रियाकलाप पर भी ध्यान देने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 20, 2012, 20:53