जूस थैरेपी से होता है शरीर में ऊर्जा का संचार

जूस थैरेपी से होता है शरीर में ऊर्जा का संचार

जूस थैरेपी से होता है शरीर में ऊर्जा का संचारज़ी मीडिया ब्यूरो
किसी ब्रत के दौरान फ्रूट जूस ही एक ऐसा विकल्प होता है, जो शरीर में ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत होता है। ऐसे में खुद को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए जूस थैरेपी को फोलो किया जा सकता है। जूस थैरेपी लेने से पहले मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी होता। पूरे दिन पांच से छह बार अलग-अलग तरह के जूस पीएं। सबसे पहले दो गिलास नींबू पानी पीएं। उसके बाद कोई फ्रूट जूस लें। ऑरेंज जूस, टमाटर, गाजर और चुकंदर का जूस मिक्स कर पीएं। दोपहर में तरबूज का जूस पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। शाम को संतरा, सेब और अंगूर का जूस मिक्स करके पीना काफी लाभदायक होता है। आप जूस में पालक, बथुआ, खीरा जैसी चीजें भी जोड़ सकते हैं।

चुकंदर एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो ब्लड को प्यूरिफाई करता है। इसमें मौजूद तत्व पेट को साफ रखते हैं, जिससे कई बीमारियां दूर रहती हैं। गाजर के जूस में मौजूद विटामिन ए लीवर के लिए बहुत अच्छा है। यह वजन कम करने, आंखों की रोशनी तेज करने और कैंसर से बचाने में मदद करता है। रोज दो बार पालक का जूस पीने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है। टमाटर हार्ट से जुड़ी बीमारी की रोकथाम में मदद करता है। खीरा जोड़ों की बीमारियों से बचाए रखता है। इसेमें पोटैशियम की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिससे किडनी फिट रहती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। यही नहीं यह स्किन से जुड़ी कई बीमारियों को भी दूर करता है।

चेरी जूस में विटामिन सी और पोटैशियम की मात्रा बहुत ज्यादा है। यह एनीमिया जैसी बीमारी से दूर रखता है। नींबू वजन कम करता है। यही नहीं, बॉडी के दूषित पदार्थों को बाहर करता है और डायरिया से बचाता है। पपीता पाचन से जुड़ी बीमारियों को ठीक करता है। कहते हैं कि नियमित रूप से पपीते का सेवन करने से उदर रोगों की आशंका पूरी तरह खत्म हो जाती है। अंगूर फल न केवल शरीर में पानी की कमी को तेजी से पूरी करता है बल्कि ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखता है। कद्दू ब्लड को प्यूरिफाई करता है। इसमें मौजूद तत्व पेट को साफ रखते हैं, जिससे कई बीमारियां दूर रहती हैं। सबसे अहम ये कि यह कॉलेस्ट्राल को कंट्रोल भी करता है।

First Published: Thursday, May 2, 2013, 00:01

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