Last Updated: Monday, April 8, 2013, 16:45

लंदन: एक नए अध्ययन में कहा गया है कि भयभीत कर देने वाली किसी घटना को लेकर मस्तिष्क जो प्रतिक्रिया देता है उसका असर दिल पर पड़ सकता है।
ब्रिटेन स्थित ब्राइटन एंड ससेक्स मेडिकल स्कूल के अनुसंधानकर्ताओं ने दिल की धड़कनों के चक्र और भय की आशंका के बीच संबंध का पता लगाया है।
स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किए गए परीक्षणों में पाया गया कि जब उनके हृदय में संकुचन होता है और रक्त का पूरे शरीर में प्रवाह होता है उस समय उनके द्वारा भय की अनुभूति को महसूस करने की संभावना अधिक होती है। लेकिन यह संभावना उस समय बेहद कम होती है जब हार्टबीट पूरी तरह ‘रिलैक्स’ या शिथिल होती है।
द इंडिपेन्डेन्ट की खबर में कहा गया है कि परिणाम बताते हैं कि भयभीत कर देने वाली किसी घटना को लेकर मस्तिष्क जो प्रतिक्रिया देता है उसका असर दिल पर पड़ सकता है और यह सब कुछ संकुचन और शिथिलता के नियमित चक्र पर निर्भर करता है। इस अध्ययन को लंदन में होने जा रहे ‘ब्रिटिश न्यूरोसाइंस एसोसिएशन फेस्टीवल’ में पेश किया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 8, 2013, 16:45