तन और मन के लिए लाभदायक है सहज योग

तन और मन के लिए लाभदायक है सहज योग

तन और मन के लिए लाभदायक है सहज योगनई दिल्ली : मानसिक शांति के लिए कारगर योग विधा के तौर पर दुनिया भर में तेजी से स्वीकृत हो रहे सहज योग की उपयोगिता पर एक नए ऑस्ट्रेलियाई शोध ने भी मुहर लगा दी है। माता निर्मला देवी द्वारा विकसित इस विधा को मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद माना गया है।

मौन की प्रधानता वाले सहज योग के कई आयाम हैं और शोधकर्ताओं के मुताबिक मौन की यही प्रक्रिया कायिक और मानसिक स्वास्थ्य के कई रास्ते खोलती है। यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी मेडिकल स्कूल में मनोचिकित्सा विभाग के वरिष्ठ व्याख्याता रमेश मनोचा ने बताया, हमने पाया कि सामान्य लोगों की तुलना में उन लोगों की मानसिक और शारीरिक सेहत ज्यादा अच्छी थी, जिन्होंने कम से कम दो वर्षो तक सहज योग को आजमाया था।

वे सहज योग पर अपने हालिया शोध का जि़क्र कर रहे थे, जो मानसिक खामोशी के तौर पर ध्यान की उपयोगिता पर केंद्रित था। इस शोध में 348 से अधिक लोगों को शामिल किया गया। उन्होंने सिडनी मेडिकल स्कूल के देबोराह ब्लैक एवं लीग विल्सन के साथ मिलकर इस शोध को पूरा किया।

मौन-ध्यान पर शोध करने वाले अग्रणी शोधकर्ताओं में से एक मनोचा ने बताया कि सहज योग करने वाले लोगों की मानसिक और शारीरिक सेहत एवं मानसिक नि:शब्दता के बीच एक सतत समीकरण विकसित हो जाता है। इसकी पुष्टि इस शोध से भी हुई है। शोध में शामिल लोगों में से 52 फीसदी ने `रोजाना कई बार` मौन की इस योग विधा को अपनाया, जबकि 32 फीसदी ऐसे थे जो दिन में `एक बार या दो बार` इस योग को आजमाते थे।

इस पर रोशनी डालते हुए उन्होंने कहा, जब कोई व्यक्ति इस मानसिक अनुशासन के तहत विचार प्रवाह की रफ्तार को धीमा करने की कोशिश करता है तो निश्चित तौर पर पहले और अगले विचार के बीच अंतराल बढ़ने लगता है। धीरे-धीरे विचारशून्यता का यह दायरा बढ़ने लगता है और एक स्थिति ऐसी भी आती है जब लंबे समय तक दिमाग विचारशून्यता के चरण में प्रवेश कर जाता है। अंतत: ऐसा चरम बिंदु आता है जब विचार का प्रवाह पूरी तरह ठहर जाता है, पर ध्यानमग्न व्यक्ति तब भी सचेत और जागरूक रहता है। दिमाग की यही विचारशून्यता उसकी सेहत बढ़ाती है। यह स्थिति उन्मादी आनंद का न होकर, उन्मुक्त प्रशांति एवं आनंद की होती है।

उनका मानना है कि शराबखोरी और तंबाकू सेवन जैसी समस्याओं का पाश्चात्य समाधान मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए नुकसानदेह है, जबकि सहज योग जैसी विधियां इसमें ज्यादा कारगर हैं। उन्होंने कहा, हमने तनाव, दमा, रजोनिवृत्ति और मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से सैकड़ों लोगों पर सहज योग के असर का आकलन किया है। निष्कर्ष वाकई उत्साहवर्धक रहा है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, June 14, 2012, 00:17

comments powered by Disqus