नजर में दोष ले सकती है आंखों की रोशनी - Zee News हिंदी

नजर में दोष ले सकती है आंखों की रोशनी

नई दिल्ली : दोस्तों की नजर बदल जाना खतरे का संकेत हो सकता है, लेकिन अगर खुद आपकी नजर में बदलाव आने लगे तो संभल जाएं। यह निश्चित रूप से आंखों की किसी बीमारी की निशानी है। एक के दो और दो के चार दिखने लगें, कोई चीज अपने वास्तविक आकार से छोटी या बड़ी दिखे या देखने में कुछ असहज लगे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें वरना यह चूक आपको आंखों को रोशनी से वंचित कर सकती है।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आंखों का वह परदा अपनी जगह से सरक जाए जिस पर देखी जाने वाली वस्तु का प्रतिबिंब बनता है, तो यह नुकसानदेह हो सकता है। हालांकि परदे के अपनी जगह से सरकने का लोगों को आभास नहीं होता। बाहर से सब कुछ सामान्य लगता है लेकिन अगर इसे लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाए तो धीरे-धीरे आंखों की रोशनी चली जाती है।

 

एम्स में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजवर्धन आजाद का कहना है कि ‘जब परदा अपने स्थान से खिसकता है तो वह पहले लोगों को सचेत भी करता है। अगर पहले चरण में ही लोगों को इसका पता चल जाए तो इसका लेजर से उपचार हो सकता है। पहले चरण के उपचार में 90 फीसदी तक सफलता हासिल हो जाती है। अगर दूसरे चरण में आपको इस बीमारी के बारे में जानकारी मिलती है तो सफलता दर घट कर 10 से 20 फीसदी पर आ जाती है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का एकमात्र इलाज ऑपरेशन है। दवा से यह बीमारी ठीक नहीं हो सकती है। इसके जटिल होने पर इलाज का खर्च 12 से 15 हजार रुपए तक आ सकता है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 15, 2012, 14:40

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