प्रकृति और मनुष्य दोनों को ‘निरोग’ रखता है शाकाहारी भोजन

प्रकृति और मनुष्य दोनों को ‘निरोग’ रखता है शाकाहारी भोजन

प्रकृति और मनुष्य दोनों को ‘निरोग’ रखता है शाकाहारी भोजननई दिल्ली : दुनियाभर में शाकाहार और मांसाहार को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि शाकाहारी भोजन मनुष्य को फ्लू जैसी रोजमर्रा की बीमारियों के साथ साथ कैंसर जैसी घातक बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है और एक शाकाहारी व्यक्ति एक साल में बहुत से पशुओं की जान बचा सकता है। आहार विशेषज्ञ डाक्टर भुवनेश्वरी गुप्ता ने बताया कि शरीर के लिये शाकाहारी खाना सबसे अच्छा है। मांस, अंडे और डेयरी उत्पाद छोड़ देने से कम वसा, कम कोलेस्ट्राल और बहुत पौष्टिक खाना मिलता है।

उन्होंने कहा, भारत में ह्दय से जुड़ी बीमारियां, मधुमेह और कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इसका सीधा संबंध अंडे, मांस और डेयरी उत्पादों जैसे मक्खन, पनीर और आइसक्रीम की बढ़ रही खपत से है। डाक्टर गुप्ता ने कहा, शाकाहारी खाने में कोलेस्ट्राल नहीं होता, बहुत कम वसा होती है और यह कैंसर के खतरे को 40 फीसद कम करता है। शाकाहारी खाने में सोया दूध, अनाज, फल, सब्जियां, बादाम और जूस हमारी रोजमर्रा की विटामिन, कैल्शियम, फोलिक एसिड, प्रोटीन की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

दुनियाभर में शाकाहार को बढ़ावा देने वाली गैर सरकारी संस्था ‘पेटा’ के प्रवक्ता सचिन बंगेरा ने बताया कि वैज्ञानिकों ने पाया है कि जो लोग शाकाहारी होते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मांसाहारी खाना खाने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा मजबूत होती है। उन्होंने कहा, शाकाहारी लोग फ्लू जैसी रोजमर्रा की बीमारियों से जल्दी प्रभावित नहीं होते हैं। मांसाहारी लोगों को शाकाहारी खाना खाने वालों की तुलना में मोटे होने का खतरा नौ गुना ज्यादा होता है।

बंगेरा ने कहा, शाकाहार से मांस और डेयरी उद्योगों के विनाश से पृथ्वी को बचाया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र की एक हाल की रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के गंभीर दुष्प्रभावों से निपटने के लिये वैश्विक स्तर पर शाकाहारी खाने की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक आज पर्यावरण की गंभीर समस्याओं में मांस उद्योग का एक बड़ा योगदान है। मांस और डेयरी उद्योग ग्रीन हाउस गैसों का सबसे ज्यादा उत्सर्जन करते हैं। बंगेरा ने कहा कि एक शाकाहारी व्यक्ति एक साल में 200 पशुओं की जान बचा सकता है।

उल्लेखनीय है कि उत्तरी अमेरिका शाकाहार सोसाइटी ने शाकाहारी जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1977 में एक अक्तूबर के दिन ‘शाकाहार दिवस’ मनाये जाने की शुरूआत की थी। बाद में अंतरराष्ट्रीय शाकाहारी संघ ने भी इसका समर्थन किया और तभी से एक अक्तूबर को हर साल ‘अंतरराष्ट्रीय शाकाहार दिवस’ के रूप में मनाया जाने लगा। (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 30, 2012, 14:45

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