Last Updated: Monday, February 18, 2013, 16:10

वाशिंगटन : अमेरिका में हुए एक हालिया शोध में चेतावनी दी गई है कि हृदयाघात के बढ़ते मामलों के पीछे वायु प्रदूषण तथा ओजोन परत का क्षरण होना भी हो सकता है।
राइस विश्वविद्यालय (हॉस्टन) में सांख्यिकीविद कैथरीन एंसॉर तथा लॉरेन राउन ने ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के, वायु की गुणवत्ता का आकलन करने वाले गहन नेटवर्क द्वारा संकलित पिछले आठ वर्षो के आकड़ों तथा ह्यूस्टन आपात चिकित्सा सेवा(ईमएस) द्वारा दर्ज 11,000 से अधिक हृदयाघात के मामलों का विश्लेषण किया।
एंसॉर कहती हैं, "इस अध्ययन का मूल उद्देश्य लोगों के जीवन की रक्षा करनी है।"
वह आगे बताती हैं, "हम प्रत्येक व्यक्ति के लिए खतरे की सूचना देने वाली बेहतर चेतावनी प्रणाली के विकास में सहयोग करना चाहते हैं। वायु प्रदूषण की सामान्य चेतावनी बेहतर नहीं हो सकती। इसके साथ ही हम वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य को होने वाले खतरे की समझ को और बेहतर करना चाहेंगे और वायु प्रदूषण को लगातार कम होता देखना पसंद करेंगे।"
शोधकर्ताओं ने वायु में मौजूद नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड के स्तर का भी विश्लेषण किया, लेकिन हृदयाघात पर इनमें से किसी के प्रभाव के प्रमाण नहीं मिले।
बोस्टन में हुए `अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ एडवांसमेंट ऑफ साइंस` (एएएएस) समारोह में यह अध्ययन प्रस्तुत किया गया। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 18, 2013, 16:10