Last Updated: Friday, December 28, 2012, 15:57

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : संतुलित और पौष्टिक आहार लेने की कोशिश तो सभी लोग करते हैं। फिर भी आज की व्यस्त जीवनशैली की वजह से खानपान में कुछ कमी जरूर रह जाती है। शरीर के पोषण में विटमिन बी-12 और विटामिन बी एक ऐसा तत्व है, जिसकी कमी सेहत के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदेह साबित होती है।
विटमिन बी-12 हमारी कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन डीएनए को बनाने और उनकी मरम्मत में सहायता करता है। यह ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और नर्व्स के कुछ तत्वों की रचना में भी सहायक होता है। हमारी लाल रक्त कोशिशओं का निर्माण भी इसी से होता है। यह शरीर के सभी हिस्सों के लिए अलग-अलग तरह के प्रोटीन बनाने का भी काम करता है। यह ऐसा विटमिन है, जिसका अवशोषण हमारी आंतों में होता है। वहां लैक्टो बैसिलस (फायदेमंद बैक्टीरिया) मौजूद होते हैं, जो बी-12 के अवशोषण में सहायक होते हैं। हाल में अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अनुसंधान में यह तथ्य सामने आया है कि एशियाई देशों, खास तौर पर भारत में विटामिन बी-12 की कमी से होने वाली समस्या ज्यादा देखने को मिलती है क्योंकि यहां की कुल आबादी का बडा हिस्सा शाकाहारी है।
शरीर में विटमिन बी-12 की कमी होने से हाथ-पैरों में झनझनाहट और जलन
होती है। याद्दाश्त में कमी, व्यवहार में अस्थिरता, अनावश्यक थकान,
डिप्रेशन आदि भी होती है। अगर शरीर में विटमिन बी-12 की बहुत ज्यादा कमी हो जाए तो इससे स्पाइनल कॉर्ड के नर्व्स नष्ट होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को पैरालिसिस तक हो सकता है।
शाकाहारी लोगों को अपने खानपान के प्रति विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए और उन्हें मिल्क प्रोडक्ट्स का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए। आम तौर पर किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में इसकी मात्रा 400-500 पिकोग्राम/ मिली लीटर होनी चाहिए। शाकाहारी लोगों को अपने खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। उन्हें दूध, दही, पनीर, चीज, मक्खन, सोया मिल्क या टोफू का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। नॉन-वेजटेरियन लोगों को अंडा, मछली, रेड मीट, चिकेन और सी फूड से विटमिन बी-12 भरपूर मात्रा में मिल जाता है।
First Published: Friday, December 28, 2012, 15:57