Last Updated: Friday, February 15, 2013, 00:27

नई दिल्ली : इस मौसम में पूरे देश से स्वाइन फ्लू के तकरीबन 500 मामले सामने आ चुके हैं। डॉक्टर और विशेषज्ञ बताते हैं कि जाड़े में विषाणुजनित रोगों के ज्यादा मामले सामने आते हैं। लेकिन इससे ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। डॉक्टरों की मानें तो भीड़भाड़ वाली जगहों जैसे दफ्तर और वातानुकूलित घर इस रोग के प्रसार में मददगार होते हैं।
इस मौसम में एच1एन1 फ्लू पूरी रफ्तार में है। ऐसे में समय-समय पर हाथ धोने, मास्क पहनने और बंद कमरों तथा भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहने से इस रोग से बचा जा सकता है।
ऑल इंडिया इंस्ट्यिूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि स्वाइन फ्लू आमतौर पर कड़ाके की सर्दी वाले देशों जैसे अमेरिका और यूरोप के कुछ भागों में होता है।
गुलेरिया ने बताया, "अंतर केवल इतना है कि विश्व के अन्य भागों में स्वाइन फ्लू जहां जाड़े में होता है, वहीं भारत में यह दो बार- जाड़े और खासकर दक्षिण भारत में मॉनसून में होता है।"
गुलेरिया ने बताया कि लोकप्रचलित धारणा के विपरीत, स्वाइन फ्लू का सूअर से कोई संबंध नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अगस्त 2010 में एच1एन1 महामारी की खत्म होने की घोषणा की थी। लेकिन उसने आगाह किया था कि एन्फ्लूएन्जा आने वाले वर्षो में सीजनल फ्लू का रूप लेकर फैलता रहेगा।
डॉक्टर लोगों को बता रहे हैं कि फ्लू के मामूली लक्षण देखकर ज्यादा घबड़ाने की जरूरत नहीं है।
अपोलो हॉस्पिटल के आंतरिक चिकित्सा सलाहकार सुरंजित चटर्जी ने कहा, "लगातार तेज बुखार रहे और अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगे तो सावधान हो जाएं। इलाज कराने में देर न करें।" (एजेंसी)
First Published: Friday, February 15, 2013, 00:27