Last Updated: Friday, May 4, 2012, 13:55

सिडनी : मोटे और 'टाइप-2' प्रकार के मधुमेह से पीड़ित लोग अब बड़ी आसानी से दिल के दौरे के खतरे को कम कर सकते हैं। एक नए के अनुसार अगर ऐसे लोग अपना वजन छह किलोग्राम तक भी घटाते हैं, तो उनकी धमनियों की कठोरता 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है। मधुमेह से पीड़ित लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा छह गुना ज्यादा होता है। मधुमेह से हुई कुल मौतों में से 68 प्रतिशत मौतों का कारण धमनियों की कठोरता पाया गया है।
विज्ञान पत्रिका 'डायबीटिज एंड वैस्कुलर डिजीज रिसर्च' की रिपोर्ट के अनुसार ग्रारवेन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के सहायक प्रोफेसर कैथरीन सामारास और सैंट विन्सेंट्स अस्पताल के क्रिस्टोफर हेवर्ड ने अध्ययन में बताया कि धमनी कठोरता का सीधा संबंध सूजन और संक्रमण या बीमारी के लिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के साथ है। ग्रारवेन इंस्टीट्यूट और सैंट विन्सेंट्स अस्पताल के बयान के मुताबिक यह अध्ययन 'टाइप-2' प्रकार के मधुमेह से पीड़ित मोटे लोगों के एक समूह पर आधारित है। सभी प्रतिभागियों को 24 हफ्तों तक कैलोरी रहित आहार दिया गया।
समारास ने बताया कि अध्ययन से पता चला, ‘मोटापा, टाइप-2 प्रकार का मधुमेह और धमनियों की कठोरता सभी प्रतिरक्षी कोशिकाओं के संचलन और वसा ऊतकों के सक्रियण जैसी उत्तेजक स्थिति से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि यह पहला ऐसा अध्ययन है, जिसमें वजन घटाने से धमनी कठोरता में कमी आने के संबंध का पता चला है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 4, 2012, 19:25