Last Updated: Wednesday, January 30, 2013, 15:06

वाशिंगटन : हृदय रोग से मानसिक संतुलन बिगड़ने का खतरा रहता है, यानी भाषा को समझने, सोचने और फैसला लेने में दिक्कत आ सकती है। इस तरह की दिक्कतें खासकर महिला हृदय रोगियों में अधिक देखी जाती हैं।
अमेरिका में हुए एक शोध में यह बात सामने आई। इस तरह के लक्षणों को गैर-शब्दस्मृति लोप के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसमें मरीज की याददाश्त नहीं खोती है। इस तरह की हल्की संज्ञानात्मक हानि रक्त-वाहिनी तथा अन्य गैर-अल्जाइमर मनोभ्रंश के लिए अग्रदूत साबित हो सकता है।
अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन न्यूरोलॉजी की पत्रिका के अनुसार, यहां के मायो क्लीनिक में स्वास्थ्य विज्ञान के शोधकर्ता रोजबड रॉबर्ट्स का कहना है कि हल्की संज्ञानात्मक हानि और मनोभ्रंश की बीच वाली स्थिति का जल्द पता चलना महत्वपूर्ण है।
शोधकर्ताओं का नेतृत्व करने वाले रॉबर्ट्स का कहना है, `हृदय रोग की रोकथाम और प्रबंधन तथा रक्त-वाहिनी को क्षति पहुंचाने वाले कारक मानसिक संतुलन बिगड़ने के खतरे को कम कर सकते हैं।` मायो क्लीनिक की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने अध्ययन की शुरुआत में 70 से 89 वर्ष उम्र के 2,719 लोगों के स्वास्थ्य का हर 15 महीने बाद मूल्यांकन किया।
शुरुआत में इनमें से 1,450 लोगों में हल्की संज्ञानात्मक हानि नहीं पाई गई, 669 लोग हृदय रोग ग्रस्त पाए गए और 59 (8.8 फीसदी) लोगों में गैर-विस्मरण हल्की संज्ञानात्मक हानि पाई गई। तुलनात्मक दृष्टि से 781 में से 34 (4.4 फीसदी) लोगों में हृदय रोग नहीं, बल्कि गैर-विस्मरण हल्की संज्ञानात्मक हानि पाई गई। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 30, 2013, 15:06