Last Updated: Monday, January 27, 2014, 19:01
नई दिल्ली : देश में 7.5 करोड़ घरों में बिजली नहीं है और गांवों में प्रति परिवार खपत केवल 8 यूनिट मासिक है जबकि शहरी परिवार में 24 यूनिट मासिक बिजली की खपत होती है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आज सौंपी गई विशेषज्ञ रिपोर्ट में यह बात कही गई है। अक्षय उर्जा को बढ़ावा देने वाला नेटवर्क ऑफ पार्लियामेंटेरियन्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में अक्षय उर्जा के लिये भरपूर संसाधन है लेकिन प्रति व्यक्ति उर्जा खपत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है, कम खपत का कारण कम मांग नहीं है बल्कि बिजली की खराब पहुंच है। देश में ग्रामीण विद्युतीकरण के कई कार्यक्रमों और योजनाओं के बावजूद भारत में बिजली की पहुंच का स्तर काफी कम है। प्रधानमंत्री को अपने हस्ताक्षार वाले ज्ञापन सौंपते हुए सांसदों ने सरकार से राष्ट्रीय स्वच्छ उर्जा मिशन, सरकारी योजनाओं में अक्षय उर्जा को तवज्जो दिये जाने तथा अक्षय उर्जा कानून लाने तथा इस क्षेत्र (अक्षय उर्जा) के लिए कम लागत वाला कोष स्थापित करने को कहा है।
ज्ञापन पर लिन सांसदों के हस्ताक्षर हैं, वे जलवायु संसद समूह से जुड़े हैं। उनमें जे डी सलील तथा झांसी लक्ष्मी बोचा (कांग्रेस), राजीव प्रताप रूडी तथा संजय जायसवाल (भाजपा), केपी रामालिंगम (द्रमुक), वंदना चेवन (राकंपा), अनूप कुमार साहा (माकपा), शशि भूषण बेहेरा (बीजद), जयंत चौधरी (रालोद) तथा अली अनवर अंसारी (जद-यू) शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 27, 2014, 19:01