Last Updated: Thursday, February 20, 2014, 15:27
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने अतिरिक्त स्पेक्ट्रम मामले की सुनवाई 4 अप्रैल को तय की है जिसमें भारती सेलुलर महाप्रबंध निदेशक सुनील मित्तल, एस्सार समुह प्रोमोटर रवि रूइया और अन्य को आरोपित के रूप में तलब किया गया है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने मित्तल की तरफ से पेश वकील सिद्धार्थ अग्रवाल के इस बयान के बाद आज अदालती कार्यवाही स्थगित कर दी कि सुप्रीम कोर्ट मित्तल और रूइया की तरफ से अलग-अलग दायर याचिकाओं की सुनवाई मार्च में करने वाला है।
गौरतलब है कि मित्तल और रूइया ने अपनी याचिकाओं में आरोपित के रूप में अदालत के समक्ष पेश होने के निचली अदालत के 19 मार्च 2013 के आदेश को चुनौती दी है। अग्रवाल ने अदालत को बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मामले को मार्च में कभी सूचीबद्ध किया जाएगा।’ अग्रवाल के इस बयन के बाद विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले को 4 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अपने 26 अप्रैल के अंतरिम आदेश में कहा था कि सुनवाई अदालत में मित्तल और रूइया के खिलाफ कार्यवाही अगले आदेश तक स्थगित रही है। मित्तल आज अदालत में पेश नहीं हुए जबकि रूइया इस मामले में आरोपी पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष मौजूद थे। सुनवाई अदालत ने मित्तल, रूइया और आरोपी कंपनी हचिसन मैक्स टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक रहे कनाडा के प्रवासी भारतीय असीम घोष को आरोपी के तौर पर सम्मन जारी किये गए हैं।
असीम घोष को अभी तक सम्मन तामील नहीं कराया जा सका है। मित्तल, रूइया और असीम घोष का नाम 21 दिसंबर 2012 का दायर सीबीआई के आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर शामिल नहीं था। इस मामले में तीन दूरसंचार कंपनियां भारती सेल्यूलर लिमिटेड, हचिसन मैक्स टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड (अब वोडाफोन इंडिया लिमिटेड) और स्टर्लिंग सेल्यूलर लिमिटेड (वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड) भी आरोपी हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 20, 2014, 15:27