Last Updated: Friday, December 13, 2013, 18:12

मुंबई : खुदरा मुद्रास्फीति के बढ़कर पिछले नौ महीनों के उच्चस्तर पर पहुंच जाने के मद्देनजर विश्लेषकों को लगता है कि रिजर्व बैंक आगामी मध्य तिमाही समीक्षा में फिर एक बार 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। हालांकि, इसके साथ ही आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता बढ़ी है।
ब्रिटेन की ब्रोकर कंपनी एचएसबीसी ने कहा है ‘‘आर्थिक वृद्धि की दर हालांकि, स्थिर हो रही है लेकिन यह अभी भी नरम है। केन्द्रीय बैंक के लिये सबसे बड़ी चिंता मुद्रास्फीति की होगी। ऊंची मुद्रास्फीति एक बार फिर रिजर्व बैंक को अल्पकालिक नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि के लिये बाध्य कर सकती है, इसके जरिये केन्द्रीय बैंक मुद्रास्फीतिक धारणाओं पर अंकुश लगाने का प्रयास करेगा।’’
एचएसबीसी ने कहा है कि यह नोट उसके सिंगापुर कार्यालय ने जारी किया है। यह नोट सरकार के नवंबर माह के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े जारी होने के बाद जारी हुआ है।
अमेरिका के बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच :बोफा.एमएल: ने भी कहा है कि 18 दिसंबर को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत वृद्धि लगभग तय है। बोफएमएल ने कहा है कि इसके साथ ही रिजर्व बैंक मुद्रा बाजार के कामकाज के तौर तरीकों में भी कुछ बदलाव कर सकता है।
मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के गुरुवार को जारी आंकड़े रिजर्व बैंक और नीतिनिर्माताओं के लिये मिले जुले रहे। एक तरफ नवंबर की खुदरा मुद्रास्फीति जहां बढ़कर 11.24 प्रतिशत पर पहुंच गई, वहीं अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन में 1.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 13, 2013, 18:12