Last Updated: Thursday, May 15, 2014, 19:20
नई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा को आशंका है कि नई सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में संशोधन कर सकती है। ऐसे में शर्मा ने अपने उत्तराधिकारी यानी नए बनने वाले मंत्री के लिए ‘कार्यभार सौंपे जाने’ के नोट में सलाह दी है कि वह एफडीआई नियमों में स्थिरता सुनिश्चित करें।
शर्मा ने अपने उत्तराधिकारी को यह नोट देंगे। अभी तक आए सर्वेक्षणों को सही मानें तो उनका उत्तराधिकारी भाजपा की अगुवाई वाले राजग से होगा। यह नोट इस दृष्टि से महत्वपूर्ण हो जाता है कि भाजपा मल्टीब्रांड रिटेल सेक्टर में एफडीआई की अनुमति के खिलाफ है। कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने यह प्रस्ताव आगे बढ़ाया है। नोट में पाकिस्तान के साथ व्यापार सामान्यीकरण को आगे बढ़ाने की जरूरत पर भी बल दिया गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि शर्मा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इस परंपरा के तहत निवर्तमान मंत्री खुद मंत्रालय के बारे में जानकारी देता है। अधिकारी ने कहा कि नोट में चुनौतियों तथा मंत्रालय की नई पहल का उल्लेख किया गया है। इसमें मुक्त व्यापार करार (एफटीए), चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे, भारतीय निर्यातकों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के साथ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के घटनाक्रम का भी जिक्र है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 15, 2014, 19:20